There is no Train Service in Countries: लंबी दूरी तक आने-जाने के लिए लोग ट्रेनों का सहारा लेना पसंद करते हैं. ट्रेन में बैठने-लेटने और घूमने की सुविधा होती है, जिसके चलते उनमें सफर करने वाले लोग बोर नहीं होते हैं. यही वजह है कि हरेक देश अपने यहां पर ट्रेन नेटवर्क को विस्तार देने की कोशिश में जुटा हुआ है. भारत में भी नेक्सट जेनरेशन की वंदे भारत ट्रेनों के बाद अब बुलेट ट्रेन चलाने की योजना पर काम तेजी से चल रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस आधुनिक जमाने में भी कई देश ऐसे हैं, जहां पर आज तक एक भी ट्रेन नहीं चलती है. फिर वहां के लोग लंबी दूरी का सफर कैसे तय करते हैं. आइए आज आपको ऐसी ही दिलचस्प जानकारी देते हैं. 


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पूर्वी तिमोर में आज तक कोई रेल नहीं 


दुनिया में ट्रेन नेटवर्क से महरुम कई सारे देश (Countries Without Trains) हैं. इन्हीं में एक देश पूर्वी तिमोर है. दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक पूर्वी तिमोर में आने-जाने के लिए केवल सड़क मार्ग ही एकमात्र साधन हैं और उनकी हालत भी बहुत अच्छी नहीं है. इंडोनेशिया से अलग होने के बाद यह देश गरीबी और बेरोजगारी के दुष्चक्र से आज तक बाहर नहीं आ पाया है. 


कुवैत भी नहीं बना पाया ट्रेन नेटवर्क


इराक के पास बसे छोटे देश कुवैत में भी आज तक अपनी कोई रेल व्यवस्था (Countries Without Trains) नहीं बन पाई है. वहां पर लोग रोड ट्रांसपोर्ट के जरिए ही एक जगह से दूसरी जगह पर आना-जाना करते हैं. साथ ही एयर ट्रांसपोर्ट का भी इस्तेमाल करते हैं. हालांकि अब वहां पर कुवैत सिटी से ओमान तक 1200 मील लंबे खाड़ी रेलवे नेटवर्क पर काम शुरू किया गया है. 


फ्रांस के नेटवर्क का करते हैं इस्तेमाल


यूरोपियन देश अंडोरा दुनिया में 16वां सबसे छोटा देश है. इस देश में भी आज तक अपनी कोई ट्रेन या रेलवे स्टेशन नहीं है. इस देश का नजदीकी रेलवे स्टेशन पड़ोस के फ्रांस देश में है. वहां तक जाने के लिए लोग बस का सहारा लेते हैं और फिर ट्रेन से सफर करते हैं. 


दोबारा शुरू नहीं हो पाई रेल सेवा


यूरोप के देश साइप्रस में भी आज की तारीख में कोई रेल (Countries Without Trains) नहीं चलती है. हालांकि वहां पर 1905 से 1951 तक रेल नेटवर्क था, जिसे वर्ष 1974 में बंद कर दिया गया था. उसके बाद से आज तक वहां पर ट्रेन सेवा शुरू नहीं हो पाई है. 


गृह युद्ध में उखाड़ दी गई पटरियां


लीबिया भी ऐसा ही एक देश है, जहां पर लोग ट्रेनों से महरुम हैं. हालांकि वहां पर पहले रेल नेटवर्क (Countries Without Trains) मौजूद था और खूब ट्रेनें दौड़ा करती थीं लेकिन  सिविल वॉर के दौरान उन्हें उखाड़ फेंका गया. इसके बाद 1965 से ही वहां पर कोई रेल नेटवर्क चालू नहीं है. हालांकि अब वहां पर ट्रेन सेवा बहाल करने की कोशिश की जा रही है. 


भूटान भी ट्रेन सेवा से महरुम


सबसे बड़ी हैरानी भारत के पड़ोस में है. भारत जहां दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेल नेटवर्क वाला देश है, वहीं उसके पड़ोसी भूटान में आज तक एक भी ट्रेन (Countries Without Trains) नहीं चलती है. इसकी वजह भूटान की जमीन का अधिकतर हिस्सा पहाड़ी होना है. हालांकि अब भूटान के भारत की ट्रेनों से जोड़ने की बात चल रही है. इसके बाद वह भी रेल नेटवर्क के रूप में शामिल हो जाएगा.