Covid Disease:  2019 के आखिरी महीने यानी दिसंबर से दुनिया के अलग अलग हिस्सों से कोविड की खबरें आने लगी थीं. 2020 और 2021 का साल भुलाए नहीं भूल सकता जब लाखों की संख्या में लोग काल के गाल में समा गये लेकिन यह साफ नहीं हो सका है कि कोविड के लिए जिम्मेदार क्या और कौन था. चीन के वुहान लैब और मीट मार्केट आज भी शंका के दायरे में है. इन सबके बीच एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें चिंता जताई गई है कि अमेरिका में मीट सप्लाई की वजह से कोविड जैसी बीमारी दस्तक दे सकती है. हॉवर्ड लॉ स्कूल और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है. हालांकि अमेरिकियों का मानना है कि उनके देश में वैसा कुछ नहीं होने वाला है. रिसर्च करने वालों का मानना है कि अमेरिका में नियम कानून में ढील की वजह जानवरों से इंसानों में वायरस आसानी से दाखिल हो सकता है जो महामारी की वजह बनेगा.


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नियमों में लचीलापन चिंता की वजह


रिपोर्ट के मुख्य लेखक एन लिंडर के मुताबिक एक तरह की गलत सुरक्षा का भाव अमेरिकियों में यह है कि वो मानते हैं कि जानवरों से होने वाली बीमारी उनके मुल्क को छोड़कर दुनिया के किसी भी दूसरे हिस्से में हो सकती है लेकिन सच यह है कि हम लोगों के ऊपर खतरा अधिक है. रिपोर्ट के मुताबिक खेती वाले वो इलाके जहां बड़ी संख्या में जानवरों को पाला पोसा जा रहा है वहां से खतरा अधिक है. रिपोर्ट में तर्क दिया गया है कि उन जगहों पर जानवरों और उनकी देखभाल करने वाले सीधे संपर्क में रहते हैं. इसके साथ ही ऐसे लोग जो जानवरों के खरीदफरोख्त में शामिल हैं वो भी बीमारी फैलाने में सहायक सिद्ध हो सकते है. इस तरह के खतरे से बचने के लिए जरूरी है कि जानवरों के आयात में उच्च स्तर पर सावधानी बरतने की जरूरत है.


कुछ जानकारों के मुताबिक चिंता की वजह नहीं


एन लिंडर ने कहा कि वैश्वीकरण के बाद हमने सभी तरह की प्राकृतिक बाधाओं को खत्म कर दिया है. आज दुनिया के सभी देश एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. अलग अलग महाद्वीपों में जानवरों में होने वाली बीमारियों और लोगों के बीच सीधा संबंध स्थापित हो चुका है. अगर बात अमेरिका की करें तो करीब दो करोड़ जानवरों का आयात अमेरिका में हर साल हो रहा है. अगर कोई कुत्ता या बिल्ली लाना चाहता है तो उसके लिए कुछ निश्चित तरीके हैं. यदि वो जंगली जानवरों के आयातकर्ता हैं और दक्षिण अमेरिका से 100 जंगली जानवरों को लाना चाहते हैं तो उसके लिए कानूनी दखल का सामना कम करना पड़ता है. हालांकि नेशनल चिकन काउंसिल के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट का मानना है कि अमेरिका में पशुओं से इंसानों में फैलने वाली बीमारी की संभावना नामुमकिन है.