नई दिल्ली:  कोरोना वायरस की महामारी के बाद दुनिया भर में कई सर्विसेज ऑनलाइन हो गई हैं.  अब आप वर्क फ्रॉम  करते हैं, वीडियो कॉल्‍स करके मीटिंग्‍स में शामिल होते हैं और बच्चे भी ऑनलाइन क्‍लासेज करते हैं.  इसी तरह लोगों की चिकित्सा करने के तरीके में भी एक नया कॉन्‍सेप्‍ट आया है.  अब थेरेपी डॉग्‍स यानी लोगों का इलाज करने वाले डॉग्‍स  भी वर्चुअल तरीके से लोगों की उदासी को दूर करते हैं. 


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 कोरोना संक्रमण के डर से थेरेपी डॉग्स  को मरीज़ों के करीब जाने की अनुमति नहीं है.  हालांकि इन Therapy Dogs की वजह से ही मरीज़ों के चेहरे पर मुस्कान आती है और उनका मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है. 


अमेरिका के अस्पतालों में Therapy Dogs


कोरोना संक्रमण ने आम लोगों को पहली बार अकेलेपन का अहसास कराया है.  इस महामारी के बाद अधिकतर लोग, किसी न किसी का साथ चाहते है. आजकल हर व्यक्ति की कोशिश होती है कि उनके पास कोई पालतू जानवर यानी Dog या Cat हो.  इन पालतू जानवरों के साथ सिर्फ़ कुछ मिनटों का समय बिताकर भी लोग बेहतर महसूस करते हैं और दिनभर की टेंशन से दूर हो जाते हैं. Therapy Dogs अब अमेरिका के अस्पतालों में मरीज़ों और Health Workers दोनों की मदद करते हैं.



वर्चुअल थेरेपी डॉग प्रोग्राम


इसी वर्ष मार्च महीने में कोरोना इंफेक्‍शन की शुरुआत होने से पहले, वहां के कुछ अस्पतालों में हर महीने लगभग 8 से 10 बार Therapy Dogs आते थे.  इनके साथ समय बिताकर और इन्हें गले लगाकर मरीज अपने मन की उदासी या डिप्रेशन को दूर करते थे.  लेकिन लॉकडाउन के बाद इन Therapy Dogs को मरीजों  के पास जाने से रोक दिया गया क्योंकि इनसे भी कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है. 


अब वहां पर वर्चुअल थेरेपी डॉग प्रोग्राम शुरू हुआ है.  ये एक प्रकार की ग्रुप वीडियो कॉल सर्विस है, जिसके एक सेशन  में लगभग 50 लोग शामिल होते हैं.  इसमें मरीज़, हेल्‍थ वर्कर्स और यहां तक कि छात्र भी शामिल होते हैं.  यानी ये वर्चुअल प्रोग्राम एक साथ इन सभी लोगों की समस्याओं को दूर कर रहा है. 


ये वर्चुअल प्रोग्राम आपको शारीरिक और मानसिक थकान से आराम देता है.  मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक पालतू जानवर आपके दर्द और तनाव को महसूस कर सकते हैं. उनके साथ समय बिताने से आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और मन में छिपे हुए डर भी दूर हो जाते हैं.