Paris Airport: कुत्ते की वजह से पेरिस एयरपोर्ट पर हड़कंप, 9 दिन तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन, और फिर..
Dog Escapes Paris Airport: पेरिस के चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट पर एक असामान्य घटना हुई, जब एक कुत्ते के भागने से दो रनवे बंद करने पड़े. 9 दिनों तक तलाशी अभियान चलाना पड़ा. अमाल्का नाम का यह कुत्ता 19 नवंबर को फ्लाइट से उतरते समय अपने केज से बाहर निकलकर भाग गया.
Dog Escapes Paris Airport: पेरिस के चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट पर एक असामान्य घटना हुई, जब एक कुत्ते के भागने से दो रनवे बंद करने पड़े. 9 दिनों तक तलाशी अभियान चलाना पड़ा. अमाल्का नाम का यह कुत्ता 19 नवंबर को फ्लाइट से उतरते समय अपने केज से बाहर निकलकर भाग गया. यह कुत्ता ऑस्ट्रियाई पर्यटक मीशा का था. मीशा वियना से एयर फ्रांस की फ्लाइट से पेरिस आईं थीं.
9 दिनों तक चला सघन तलाशी अभियान
कुत्ते के फरार होने के बाद एयरपोर्ट पर बड़े पैमाने पर खोज अभियान शुरू किया गया. तलाशी में एयरपोर्ट स्टाफ, मीशा और अन्य अधिकारियों ने दिन-रात मेहनत की. मीशा ने बताया कि अमाल्का उनकी भावनात्मक सहायता के लिए बेहद जरूरी है. पोस्टर लगाए गए और एयर फ्रांस ने मीशा के लिए एयरपोर्ट के पास होटल में रहने का प्रबंध किया.
रनवे बंद कर किया गया ड्रोन से सर्च
मंगलवार को तलाशी अभियान तेज करते हुए ड्रोन का सहारा लिया गया. इसके लिए एयरपोर्ट के दो रनवे अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए. यह ऑपरेशन ऑफ-पीक घंटों में किया गया ताकि उड़ानों पर असर न पड़े.
कैसे भागा कुत्ता?
रिपोर्ट्स के अनुसार उड़ान के दौरान हलचल की वजह से कुत्ते की केज का दरवाजा खुल गया और वह बाहर निकल आया. अमाल्का को एयरपोर्ट परिसर में कई बार देखा गया, लेकिन उसे पकड़ पाना मुश्किल साबित हुआ. अधिकारियों ने उसे ट्रैंक्विलाइजर का इस्तेमाल कर पकड़ने की योजना भी बनाई थी.
पार्क में मिला कुत्ता.. हुआ भावुक मिलन
9 दिनों की खोज के बाद अमाल्का को एयरपोर्ट के पास स्थित दमार्टिन-एन-गोएल के एक पार्क में ढूंढ निकाला गया. फ्रांसीसी मीडिया ने कुत्ते और मालिक के मिलन का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें अमाल्का पूंछ हिलाते हुए मीशा से लिपट गया.
एयर फ्रांस का बयान
कुत्ते के मिलने के बाद एयर फ्रांस ने बयान जारी कर कहा कि कई दिनों की मेहनत के बाद, हमें खुशी है कि अमाल्का सुरक्षित उसके मालिक के पास लौट आया है. दोनों अब अपनी यात्रा जारी रखेंगे. यह घटना फ्लाइट्स में पालतू जानवरों की सुरक्षा के प्रबंधों की समीक्षा की जरूरत को दर्शाती है. अमाल्का की कहानी ने यह स्पष्ट किया कि पालतू जानवर सिर्फ साथी नहीं, बल्कि भावनात्मक सहारे का जरिया भी होते हैं.