कांप काहे रहा है पाकिस्तान? ट्रंप कैबिनेट के इन तीन नामों से पड़ोसी मुल्क में खलबली; जानिए क्या है टीम MMT
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अपनी एक मजबूत एकजुट टीम बनाने में जुटे हैं, लेकिन उनकी टीम में चुने गए 3 नामों से पाकिस्तान को परेशानी हो रही है और भारत के पड़ोसी देश में खलबली मच गई है.
Donald Trump New Team: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अपने आने वाले मंत्रिमंडल के लिए एक मजबूत एकजुट टीम बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. लेकिन, इस बीच ट्रंप की नई टीम से पाकिस्तान को परेशानी हो रही है और कई प्रमुख पदों के लिए ट्रंप के सेलेक्शन ने पाकिस्तान सहित दुनिया के कई हिस्सों में खलबली मचा दी है. ट्रंप कैबिनेट के नामों की घोषणा से पाकिस्तान खासा परेशान है.
ट्रंप की पसंद से पाकिस्तान को क्यों लगी मिर्ची?
पाकिस्तानी नीति निर्माता ट्रंप की पसंद पर कड़ी नजर रख रहे हैं, जो अमेरिकी प्रशासन की भावी विदेश नीति का संकेत है. जिन नामों का ऐलान हुआ है, उससे यह स्पष्ट संदेश जाता है कि ट्रंप सरकार के लिए भारत प्राथमिकता सूची में काफी ऊपर है. माना जा रहा है कि पाकिस्तान ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी विदेश नीति की प्राथमिकता सूची में शामिल नहीं है.
जानिए क्या है टीम MMT?
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपनी टीम में MMT को प्रमुखता दी है. ट्रंप ने सीनेटर मार्को रुबियो (Marco Rubio) को अगले अमेरिकी विदेश मंत्री के रूप में नामित किया गया है, जिन्होंने भारत का समर्थन करने वाला एक विधेयक पेश किया था. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पद के लिए ट्रंप द्वारा नामित माइक वाल्ट्ज (Mike Waltz) पाकिस्तान के बारे में पक्षपातपूर्ण राय रखने के लिए जाने जाते हैं. ट्रंप ने यूएस नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर के महत्वपूर्ण पद के लिए तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard) को नामित किया है, जो भारत के समर्थन और पाकिस्तान के खिलाफ कई मुद्दों पर मुखर रही हैं.
मार्को रुबियो की तरफ से पेश किए विधेयक में क्या था?
सीनेटर मार्को रुबियो (Marco Rubio) के भारत के समर्थन करने वाले विधेयक से रावलपिंडी स्थित पाकिस्तानी सेना मुख्यालय में खतरे की घंटी बज गई थी. रुबियो की तरफ से सीनेट में पेश किए गए 'अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग अधिनियम' में क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने की अपील की गई. विधेयक में प्रस्तावित किया गया कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के मामले में भारत को जापान, इजरायल, दक्षिण कोरिया और नाटो जैसे सहयोगियों के बराबर माना जाना चाहिए.
इसमें यह भी सुझाव दिया गया कि नई दिल्ली को रक्षा, प्रौद्योगिकी, आर्थिक निवेश और नागरिक अंतरिक्ष में सहयोग के माध्यम से सुरक्षा मदद प्रदान की जानी चाहिए. रुबियो के प्रस्तावित विधेयक में विभिन्न प्रॉक्सी समूहों के जरिए भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करने में पाकिस्तान की संलिप्तता का भी उल्लेख किया गया था. इसमें सुझाव दिया गया कि इस्लामाबाद को कोई भी अमेरिकी सुरक्षा सहायता प्रदान नहीं की जानी चाहिए.
आतंकवाद पर बढ़ सकती है पाकिस्तान की मुश्किल
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के लिए नॉमिनेटेड माइक वाल्ट्ज (Mike Waltz) पाकिस्तान के बारे में पक्षपातपूर्ण राय रखने के लिए जाने जाते हैं. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान और पश्चिम एशिया (मध्य पूर्व) की यात्रा करने वाले अमेरिकी सेना के पूर्व सदस्य माइक वाल्ट्ज ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाने के लिए दबाव डाला है.
तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard) ने न केवल फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत का समर्थन किया था. वहीं वह इस्लामाबाद की ओर से अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को पनाह देने के बारे में भी मुखर रही हैं, जिसे 2011 में एबटाबाद में अमेरिकी नौसेना के जवानों ने एक ऑपरेशन में मार गिराया था. जॉन रैटक्लिफ, जो सीआईए का नेतृत्व करेंगे, ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में काम कर चुके हैं. वह ईरान और चीन पर कड़ी नजर रखने के लिए जाने जाते हैं.
अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के अच्छी नहीं ट्रंप की टीम
विश्लेषकों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए सभी महत्वपूर्ण नामांकन भविष्य में अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के लिए अच्छे नहीं हैं. उनका अनुमान है कि शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार को ट्रंप प्रशासन के हाथों बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. पिछले सप्ताह पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कहा था कि इस्लामाबाद किसी भी संघर्ष में किसी भी गुट का हिस्सा नहीं बनेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान आने वाले ट्रंप प्रशासन के लिए एक अप्रत्यक्ष संदेश है. सरकारी सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि पाकिस्तानी सेना ने ट्रंप की टीम से संपर्क करना शुरू कर दिया है.
(इनपुट- आईएएनएस)