Donald Trump President Elect: अमेरिकी राजनीति में इस समय डोनाल्ड ट्रंप का हश मनी केस चर्चा का विषय बना हुआ है. यह पहली बार हो सकता है जब अमेरिका का कोई राष्ट्रपति शपथ लेने से पहले अदालत की सजा का सामना कर सकता है. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप को न्यूयॉर्क के बहुचर्चित हश मनी केस में 10 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी. इस मामले में ट्रंप को बड़ा झटका तब लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. यह शायद पहला मौका होगा जब कोई एक देश के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाला है और उससे ठीक पहले कोर्ट सजा सुनाने वाली है.


34 आपराधिक आरोपों में दोषी


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दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे भुगतान कर उनसे चुप्पी साधने को कहा था. अभियोजन पक्ष का कहना है कि यह कदम ट्रंप की छवि बचाने के लिए उठाया गया था. इस मामले में न्यूयॉर्क की अदालत ने ट्रंप को 34 आपराधिक आरोपों में दोषी ठहराया है. हालांकि, ट्रंप ने डेनियल्स के साथ किसी भी संबंध या किसी भी प्रकार के गलत काम से इनकार किया है.


सजा पर रोक लगाने का अनुरोध 


उधर इस मामले में ट्रंप के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट से सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया था, लेकिन मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने इसे खारिज कर दिया. अब जज जुआन एम. मर्चन के लिए ट्रंप को सजा सुनाने का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि मर्चन ने संकेत दिया है कि ट्रंप को जेल की सजा नहीं दी जाएगी, लेकिन दोषी करार दिए जाने से उनकी छवि और राष्ट्रपति पद की तैयारियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.


चुनौतियां यहीं खत्म नहीं होतीं


विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप की कानूनी चुनौतियां यहीं खत्म नहीं होतीं. उनके खिलाफ तीन अन्य मामलों में जांच चल रही है. इनमें गोपनीय दस्तावेजों से संबंधित मामला और 2020 के चुनावी नतीजों को पलटने के प्रयास के आरोप शामिल हैं. ट्रंप को दोषी ठहराए जाने के बावजूद व्हाइट हाउस में काम करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की संभावना है.


हालांकि उम्र और राजनीतिक स्थिति और कानूनी जटिलताओं को देखते हुए यह संभावना कम है कि ट्रंप को जेल भेजा जाएगा. उनकी टीम इस मामले को राजनीतिक षड्यंत्र करार दे रही है. अब यह देखना होगा कि 20 जनवरी को शपथ ग्रहण से पहले ट्रंप इस विवाद से कैसे बाहर निकलते हैं और अपनी राजनीतिक छवि को कैसे बचाते हैं.