काबुल: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में पहली बार अमेरिकी सैनिकों के साथ 'थैंक्सगिविंग' मनाने ेके लिए देश का औचक दौरा किया और वहां तैनात सैनिकों को आश्वासन दिया कि तालिबान बातचीत में लगा है. ट्रंप ने बाग्राम एयर बेस पर सैनिकों से कहा, 'तालिबान एक समझौता करना चाहता है.' वहां उन्होंने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी से भी मुलाकात की.


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शांति वार्ता को फिर से शुरू करने के उद्देश्य से तालिबान के कैदयों की अदला-बदली के बाद यह यात्रा हुई. ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका ने काफी हद तक अफगानिस्तान में सैनिकों की तैनाती में कमी कर रहा है. 2001 के 9/11 के हमलों के बाद तालिबान को हटाने के लिए अमेरिकी हस्तक्षेप के 18 साल बाद भी 13,000 अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में बनी हुई है.


समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सैन्य एयर बेस में बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने इस बात को रेखांकित किया कि 'अगर तालिबान शांति समझौते पर पहुंचने के लिए अपनी प्रतिबद्धता में ईमानदार हैं, तो उन्हें युद्धविराम स्वीकार करना चाहिए.'


अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी और अफगान सैनिक शांति समझौते तक पहुंचने के लिए तालिबान को अधिक इच्छुक बना रहे थे. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, ट्रंप ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्हें एक दर्जन अमेरिकी सैनिकों के साथ बातें करते देखा जा सकता है और गनी उनके पीछे खड़े हैं.


ट्वीट किया, 'हमारी द्विपक्षीय बैठक में, हमने पूर्वी अफगानिस्तान में दाएश (इस्लामिक स्टेट या आईएस समूह) को कुचलने सहित युद्ध के मैदान में अपने सैन्य प्रयासों में संयुक्त रूप से महत्वपूर्ण प्रगति पर चर्चा की. राष्ट्रपति ट्रंप ने अफगान सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों की सराहना की.' बैठक के बाद दोनों राष्ट्रपतियों ने अमेरिकी सैनिकों के साथ जश्न-ए-शुक्रिया (थैंक्सगिविंग) मनाया.


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