अचानक पुतिन की सेना पर तबाही बनकर टूटा यूक्रेन का 'ड्रैगन ड्रोन', वीडियो देखकर कांपी दुनिया
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अचानक पुतिन की सेना पर तबाही बनकर टूटा यूक्रेन का 'ड्रैगन ड्रोन', वीडियो देखकर कांपी दुनिया

Ukraine Dragon Drone​: यूक्रेन ने रूस पर ड्रोन से आग बरसाने की रणनीति अपनाई है. इसे 'ड्रैगन ड्रोन' कहा जा रहा है. यह न केवल जंगलों को भस्म कर सकता है, बल्कि टैंकों को भी पिघला सकता है. इसके कई वीडियो सामने आए हैं.

अचानक पुतिन की सेना पर तबाही बनकर टूटा यूक्रेन का 'ड्रैगन ड्रोन', वीडियो देखकर कांपी दुनिया

Drone Attack On Russia: यूक्रेन ने रूस के हमलों का मुकाबला करने के लिए अपने 'ड्रैगन ड्रोन' के बेड़े को मैदान में उतार दिया है, जो आग उगलते हैं. ऐतिहासिक रूप से, आग उगलने वाले हथियारों का इस्तेमाल पहले और दूसरे विश्व युद्ध में किया गया था, लेकिन अब इसे आधुनिक तकनीक के साथ और भी घातक बना दिया गया है. बुधवार को यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय ने टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें ये कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन आग की लपटें बरसाते हुए नजर आ रहे हैं.

अनोखे ड्रोन से हमला शुरू

असल में यूक्रेन ने सभी को हैरान करते हुए रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों पर एक अनोखे ड्रोन से हमला शुरू कर दिया है, जिसे 'ड्रैगन ड्रोन' के नाम से जाना जाता है. यह ड्रोन इतनी तीव्रता से आग उगलता है कि पल भर में जंगलों के पेड़-पौधों को राख में बदल देता है. इस तरह के आग उगलने वाले हथियार का पहली बार इस्तेमाल जर्मनी ने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में किया था.

कम ऊंचाई पर उड़ते हुए और..

इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें एक ड्रोन को कम ऊंचाई पर उड़ते हुए और रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों के जंगलों पर पिघला हुआ लावा गिराते हुए देखा जा सकता है. यह लावा एल्युमिनियम पाउडर और आयरन ऑक्साइड के मिश्रण से बना होता है, जिसे थर्माइट कहा जाता है. इसका तापमान लगभग 4000 डिग्री फारेनहाइट या 2200 डिग्री सेल्सियस तक होता है, जिससे यह पेड़ों को तुरंत जला कर राख कर देता है.

किसी भी वस्तु को जला सकता है

इन ड्रोन से छोड़े जाने वाले लिक्विड को थर्माइट कहा जाता है, जो किसी भी वस्तु को आसानी से जला सकता है. इसकी खोज 1890 के दशक में एक जर्मन रसायनशास्त्री ने की थी, और शुरूआती दौर में इसका उपयोग रेल की पटरियों को जोड़ने के लिए किया जाता था. रिपोर्ट के अनुसार, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनों ने इसे ब्रिटेन पर फेंका था. जबकि द्वितीय विश्व युद्ध में, जर्मनी और मित्र राष्ट्रों ने इसे हवाई बम के रूप में इस्तेमाल किया था.

इसी बीच यूक्रेन की वायु सेना ने कहा कि रात भर में देश के ऊपर 67 ड्रोन हमले किये गये तथा राजधानी कीव सहित देश भर के 11 क्षेत्रों में हवाई सुरक्षा तंत्र को सक्रिय किया गया. उसने कहा कि 58 ड्रोनों को मार गिराया गया तथा तीन अन्य को इलेक्ट्रॉनिक हथियार प्रणालियों द्वारा नष्ट कर दिया गया.

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