Indian-American Usha Vance: अमेरिका में हुए 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की शानदार जीत ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. इस जीत में एक खास बात यह रही कि ट्रंप के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस की पत्नी ऊषा वेंस ने अहम भूमिका निभाई. ऊषा भारतीय मूल की हैं और उनकी मेहनत और रणनीति ने ट्रंप के प्रचार अभियान को मजबूत कर दिया. ट्रंप ने फ्लोरिडा में जीत की घोषणा करते हुए कहा कि अब मैं अमेरिका के अगले उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी असाधारण और सुंदर पत्नी ऊषा वेंस का स्वागत करता हूं. आइये आपको बताते हैं ऊषा वेंस कौन हैं..


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कौन हैं ऊषा वेंस?


ऊषा वेंस का असली नाम ऊषा चिलुकुरी है. वे भारतीय प्रवासियों की बेटी हैं और उनका बचपन सैन फ्रांसिस्को में बीता है. ऊषा ने अपनी पढ़ाई में भी काफी उत्कृष्टता दिखाई है. उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से इतिहास में ग्रेजुएशन और यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज से मास्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने अपने कानूनी करियर में कई मुकाम हासिल किए, जिनमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स और जज ब्रेट कवानॉ से जुड़ी क्लर्कशिप शामिल हैं.


कानूनी करियर में ऊषा का सफर


ऊषा वेंस ने वॉशिंगटन डीसी में अमेरिका की कोर्ट ऑफ अपील्स में जज ब्रेट कवानॉ के साथ क्लर्कशिप की. बाद में सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स के साथ काम किया. इन प्रतिष्ठित पदों ने ऊषा को कानूनी क्षेत्र में एक विशेष पहचान दिलाई और उनकी विशिष्टता को साबित किया.


येल में मुलाकात और पारिवारिक जीवन


जेडी वेंस और ऊषा वेंस की मुलाकात येल लॉ स्कूल में हुई. जहां दोनों ने एक-दूसरे को समझा और पसंद किया. दोनों की शादी 2014 में हुई और वर्तमान में उनके तीन बच्चे हैं - इवान, विवेक और मिराबेल. ऊषा और जेडी एक मजबूत और संतुलित परिवार के रूप में जाने जाते हैं. ये कपल अपने राजनीतिक और व्यावसायिक जीवन के साथ अपने पारिवारिक जीवन को भी बखूबी संतुलित करता है.


ऊषा वेंस का ट्रंप की जीत में योगदान


हालांकि ऊषा ने हमेशा सार्वजनिक मंच से दूर रहना पसंद किया है, लेकिन ट्रंप की इस जीत में उनकी भूमिका अहम रही है. ऊषा ने जेडी वेंस के विचारों को स्पष्ट करने और उनके दृष्टिकोण को व्यापक रूप से लोगों तक पहुंचाने में मदद की. खासकर, ग्रामीण अमेरिका की सामाजिक समस्याओं को लेकर जेडी के विचारों को समझने में ऊषा की महत्वपूर्ण भूमिका रही. जो उनकी फेमस किताब "हिलबिली एलेगी" का आधार बना. इस किताब पर 2020 में एक फिल्म भी बनी थी.


अमेरिका में भारतीय समुदाय के लिए गर्व का क्षण


ऊषा वेंस का यह योगदान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए भी गर्व का क्षण है. ऊषा के भारतीय मूल के होने के नाते इस जीत को भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए भी खास माना जा रहा है.