सैन साल्वाडोर: अल साल्वाडोर (El Salvador) की एक अदालत ने एक ऐसी महिला की रिहाई का बड़ा फैसला सुनाया है, जिसे साल 2012 में गर्भ में पल रहे भ्रूण की हत्या के मामले में 30 साल तक जेल की सजा सुनाई गई थी. महिला के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था. 


अजन्मी बच्ची को मारने के आरोप में 30 साल की सजा


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अधिकारियों ने ये जानकारी देते हुए बताया कि  सारा रोजेल (Sara Rogel ) को साल 2012 में गिरफ्तार किया गया था. सारा रक्तस्त्राव और चोट की वजह से अस्पताल में भर्ती हुई थीं. उन्होंने बताया था कि घर का काम करते हुए उन्हें चोट लगी थी. सारा रोजेल उस वक्त 22 साल की एक स्टूडेंड थीं. इस घटना के बाद उन पर हत्या का मुकदमा चला और अपनी अजन्मी बच्ची को मारने के आरोप में उन्हें 30 साल की सजा सुनाई गई.


अल साल्वाडोर (El Salvador) में अबॉर्शन को लेकर कड़े प्रतिबंध हैं और इसे दुनिया का सबसे सख्त कानून माना जाता है. इसमें रेप और ऐसे मामलों को भी छूट नहीं दी गई है, जब मां की जिंदगी खतरे में हो.


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रिहाई की अपील 


इस मामले को लेकर अदालत के मुख्य प्रवक्ता यूलिसेस मैरिनेरा ने कहा कि रोजेल ने करीब 8 साल से ज्यादा लंबा वक्त जेल में बिताया है. इस केस में पूर्वी अल साल्वाडोर की एक जेल के जज ने रोजेल की पहले रिहाई का फैसला सुनाया. सारा रोजेल के वकीलों ने उनकी रिहाई की अपील की थी जिसे स्वीकार कर लिया गया.


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हालांकि अभी रोजेल हिरासत में ही रहेंगी क्योंकि, अभियोजन पक्ष को इस फैसले पर अपील के लिए 5 दिन का समय दिया गया है.


वहीं सारा रोजेल के डिफेंस अटॉर्नी एबीगेल कॉर्टेज ने कहा कि हमें लगता है कि ये फैसला काफी संतोषजनक है. हमने ऐसी महिलाओं की रिहाई के लिए काफी प्रयास किए हैं जिन्हें प्रसव से जुड़ी इमरजेंसी के लिए अपराधी माना गया है और ऐसी सजा सुनाई गई.