Brics Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दोस्ती से पूरी दुनिया वाकिफ है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने रूस पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जब पुतिन से मुलाकात हुई तो दोनों के मधुर संबंध की साक्षी पूरी दुनिया बनी. उस पल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रहीं हैं. दोनों नेताओं ने जब अपने सहयोगियों के साथ बैठक की तो वहां का माहौल अलग ही दिशा में चला गया.


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दोनों नेताओं ने एक दूसरे का अभिवादन और धन्यवाद किया. इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे कई गंभीर मुद्दों पर भी बात हुई. लेकिन एक पल ऐसा आया जब मीटिंग हॉल में मौजूद सभी लोग हंसने पर मजबूर हो गए. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और नरेंद्र मोदी ट्रांसलेटर के जरिये बात कर रहे थे. तभी पुतिन ने कहा कि हमारा संबंध इतना प्रगाढ़ हो चुका है कि अब मोदी बिना अनुवाद के ही मेरी बात समझ सकते हैं.


रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी के बीच रूस के कजान शहर में हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं के बीच गहरी दोस्ती की झलक देखने को मिली. बता दें पीएम मोदी, पुतिन के निमंत्रण पर 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कजान पहुंचे हैं. द्विपक्षीय बैठक में रूसी राष्ट्रपति ने कहा, "हमारे संबंध इतने मजबूत हैं कि आप (पीएम मोदी) बिना किसी अनुवाद के मेरी बात समझ जाएंगे.' इस पर गवर्नर पैलेस के कमरे में हंसी की लहर दौड़ गई. पीएम मोदी भी पुतिन की इस बात पर अपनी हंसी नहीं रोक पाए.


इसके बाद रूसी राष्ट्रपति ने जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी की मास्को यात्रा के दौरान हुई 'सार्थक वार्ता' को याद किया. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, "कजान में हमें कई अहम फैसले लेने होंगे, जिनका उद्देश्य एसोसिएशन की गतिविधियों को और बेहतर बनाना तथा इसके ढांचे के भीतर बहुआयामी सहयोग को मजबूत करना है. हम इस क्षेत्र में अपने सहयोग को बहुत महत्व देते हैं, मेरा मतलब है कि हमारे राज्य, एसोसिएशन के निर्माण के मूल में थे."


रूसी राष्ट्रपति ने कहा, "हम कजान में भारत के महावाणिज्य दूतावास खोलने के आपके फैसले का स्वागत करते हैं. रूस में भारत की राजनयिक उपस्थिति का विस्तार द्विपक्षीय संबंधों के और विकास में योगदान देगा." जुलाई में, पीएम मोदी की रूस यात्रा के दौरान पुतिन ने भारतीय पीएम को रूस के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल द फर्स्ट-कॉल से सम्मानित किया. सोमवार को विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों की सराहना की थी.


इससे पहले जयशंकर ने कहा, "अगर आप आजादी के बाद रूस के साथ हमारे इतिहास को देखें, तो रूस ने कभी भी हमारे हितों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाला कुछ नहीं किया है. प्रमुख देशों में, ऐसे बहुत कम देश हैं जिनके बारे में आप ऐसा कह सकते हैं.