Facebook आपकी एक-एक एक्टिविटी पर रख रहा नजर, आपके भी फोन में है ऐप तो हो जाएं सावधान
फेसबुक (Facebook) आपके फोन की स्क्रीन एक्टिविटी, वेब एक्टिविटी, कॉल ड्यूरेशन और हार्डवेयर के सीरियल नंबर पर नजर रख रहा है. इसके साथ ही फेसबुक इस डेटा को स्टोर भी कर रहा है. हैरानी की बात तो ये है कि फेसबुक इस डेटा को एक्सेस करने की आपसे परमिशन भी नहीं मांगता है.
नई दिल्ली: नाम बदलने के बाद भी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक (Facebook) ने अपनी हरकतें नहीं बदली हैं और अब भी यूजर्स की जासूसी कर रहा है. लंबे समय से अनेक विवादों के साये में घिरे फेसबुक ने अभी कुछ ही दिन पहले अपना व्यवसायिक नाम बदल कर मेटा (META) रखने की घोषणा की थी. हालांकि फेसबुक ने अपना नाम तो बदल लिया, लेकिन लोगों के मोबाइल फोन से डेटा चुराने का काम उसने बंद नहीं किया. इतना ही नहीं फेसबुक की निजता के हनन करने की हरकतों के कारण युवा भी फेसबुक से दूरी बनाने लगे हैं.
आपके इन डेटा की चोरी कर रहा है फेसबुक
एक स्टडी के मुताबिक फेसबुक (Facebook) आपके फोन की स्क्रीन एक्टिविटी, वेब एक्टिविटी, कॉल ड्यूरेशन और हार्डवेयर के सीरियल नंबर पर नजर रख रहा है. इसके साथ ही फेसबुक इस डेटा को स्टोर भी कर रहा है. हैरानी की बात तो ये है कि फेसबुक इस डेटा को एक्सेस करने की आपसे परमिशन भी नहीं मांगता है.
फेसबुक इंस्टॉल किया है तो हो जाएं सावधान
आयरलैंड की ट्रिनिटी कॉलेज (Trinity College) की एक स्टडी के मुताबिक अगर आपने अपने फोन पर फेसबुक ऐप (Facebook App) इंस्टॉल किया है तो फेसबुक आपके मोबाइल फोन में आपके द्वारा की जा रही स्क्रीन एक्टिविटी (Screen Activity) और वेब एक्टिविटी (Web Activity) पर नजर रख रहा है. यानी फेसबुक को पता है कि आप क्या सर्च कर रहे हैं. इसके अलावा आपके फोन कॉल की ड्यूरेशन पता कर रहा है. यानी आप किस से कितनी देर तक बात कर रहे हैं. और तो और आपके मोबाइल फोन के हार्डवेयर पार्ट का सीरियल नंबर तक अपने सर्वर पर रख रहा है.
कुछ मोबाइल फोन कंपनियां भी कर रही हैं फेसबुक की मदद
फेसबुक इसके लिए आपसे परमिशन भी नहीं मांगता है. विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा करने में कुछ मोबाइल फोन कंपनियां फेसबुक की मदद कर रही हैं. दरअसल, कुछ एंड्राइड फोन में फेसबुक पहले से इंस्टॉल होता है, जिसे आप अनइंस्टॉल नहीं कर सकते, सिर्फ डिसएबल कर सकते हैं. इन फोन में फेसबुक आपकी सभी हरकतों पर नजर रखता है और आपको पता भी नहीं चलता. ट्रिनिटी कॉलेज की स्टडी में ये भी बताया गया है कि निजता के हनन करने के इस तरीके में फेसबुक के अलावा, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट भी शामिल हैं.
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फेसबुक से दूरी बना रहे हैं युवा
शायद यही कारण है कि कई युवा फेसबुक (Facebook) से दूरी बना रहे हैं. अमेरिकी मीडिया The Verge का दावा है कि साल 2019 से 2021 तक फेसबुक को इस्तेमाल करने वाले अमेरिकी युवाओं की संख्या में 19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. साल 2023 तक ये गिरावट 45 फीसदी तक जाने के आसार है. इसी तरह फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले 20 से 30 वर्ष के युवाओ की संख्या में भी 4 प्रतिशत तक गिरावट हुई है. यानी फेसबुक को अपनी हरकतों का खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने से पहले रहें सावधान
लगातार बीते कई समय से अपने फायदे के लिए प्राइवेसी और हिंसा को रोकने की जगह मंच देने की वजह से फेसबुक का ना सिर्फ विरोध हो रहा है बल्कि उसकी छवि भी धूमिल हो रही है. अपनी इसी छवि को ठीक करने के लिए फेसबुक में सबसे आसान रास्ता निकाला और नाम बदल लिया. हालांकि अगर फेसबुक नाम बदलने की जगह अपनी हरकते बदल लेता तो शायद उस पर उठ रहे सवाल भी बंद हो जाते और नाम बदलने की नौबत भी नहीं आती. फेसबुक (Facebook) पर डेटा चोरी के सैकड़ों ऐसे आरोप लग चुके हैं. इसके बाद भी फेसबुक लोगों के डेटा से खिलवाड़ कर रहा है. इसलिए फेसबुक या फिर सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने से पहले सावधान रहें.
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