Niger coup: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार को कहा कि नाइजर में फ्रांसीसी राजदूत और अन्य फ्रांसीसी राजनयिक को 'वास्तव में फ्रांसीसी दूतावास में बंधक बनाया जा रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.


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बता दें फ्रांस के नाइजर के नए सैन्य नेतृत्व के साथ मतभेद हैं, क्योंकि फ्रांस ने 26 जुलाई के तख्तापलट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. इस तख्ता पलट में फ्रांसीसी सहयोगी, राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को अपदस्थ कर दिया गया था. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बज़ौम का समर्थन करना जारी रखा है, जो अभी भी हिरासत में है.


दूतावास में भोजन पहुंचाने से रोका गया
फ्रांस में गोल्डन कोस्ट क्षेत्र की अपनी यात्रा के दौरान, मैक्रों ने कहा कि नियामी में दूतावास में 'भोजन पहुंचाने से रोका गया' और राजदूत 'सैन्य राशन खा रहे हैं.' उन्होंने कहा कि नाइजर में फ्रांसीसी राजदूत सिल्वेन इट्टे 'बाहर नहीं जा सकते.'


सैन्य जुंटा ने इट्टे को देश छोड़ने को कहा था
कथित तौर पर, सैन्य जुंटा ने जुलाई में पश्चिम अफ्रीकी देश पर नियंत्रण हासिल करते ही इट्टे को देश छोड़ने का आदेश दिया. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, बाद में उसका वीजा रद्द कर दिया गया और पुलिस से उन्हें निष्कासित करने के लिए कहा गया.


मैक्रों ने कहा, वह अपनी जगह पर बने रहे और फ्रांसीसी अधिकारियों ने दोहराया कि वे जुंटा प्रशासन को मान्यता नहीं देते हैं.


राजदूत के वापस बुलाना
राजदूत को फ्रांस वापस लाने के बारे में पूछे जाने पर मैक्रों ने जोर देकर कहा, 'राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम के साथ हम जिस बात पर सहमत होंगे, मैं वह करूंगा क्योंकि वह वैध प्राधिकारी हैं और मैं हर दिन उनसे बात करता हूं.'


वहीं फ्रांसीसी विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना के अनुसार, इट्टे अभी भी काम कर रहे हैं. कोलोना ने कहा, 'राजदूत काम कर रहे हैं, मैं इसकी पुष्टि कर सकती हूं, वह अपने संपर्कों, अपनी टीम के माध्यम से हमारे लिए बहुत उपयोगी है उनके साथ अभी भी एक छोटी टीम है.'


कोलोना ने आगे कहा कि इट्टे 'जब तक हम चाहेंगे कि वह वही रहेंगे और उनकी वापसी मैक्रोंके फैसले पर निर्भर करेगी.'


फ्रांस और नाइजर बलों में बातचीत
हालांकि, फ्रांस कथित तौर पर जुलाई में तख्तापलट के बाद बिगड़ते संबंधों के कारण पश्चिम अफ्रीकी देश से अपने सैनिकों की संभावित वापसी पर नाइजर की सेना के साथ चर्चा कर रहा है. अल जज़ीरा ने फ्रांसीसी मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है.


माली और सेनेगल के पूर्व फ्रांसीसी राजदूत निकोलस नॉर्मैंड ने अल जज़ीरा को जानकारी की पुष्टि करते हुए कहा कि, उनके स्रोतों के अनुसार, फ्रांसीसी और नाइजर बलों के बीच सैनिकों को 'आंशिक रूप से' निकालने के लिए बातचीत प्रगति पर थी.


नॉर्मैंड के सूत्र के अनुसार, दोनों सेनाओं के बीच चर्चा को तख्तापलट करने वाले नेताओं की मान्यता के रूप में नहीं बल्कि एक 'तकनीकी' चर्चा के रूप में देखा जाना चाहिए.


(इनपुट: न्यूज एजेंसी- ANI)