Israel–Hamas war:  इजरायल ने हाल ही में उत्तरी गाजा के जबालिया में अपना सैन्य अभियान चलाया था. इजरायली सेना के वापस जाने के बाद जबालिया के शरणार्थी शिविर से 70 शवों को निकाला गया था. मरने वालों में 20 बच्चे भी शामिल थे. हालांकि, इजरायली सेना ने पहले कहा था कि यह क्षेत्र हमास के आतंकवादियों के नियंत्रण में नहीं है. लेकिन बीते सप्ताह इजरायल ने इस पर हमला कर दिया.


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रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली हमले में जबालिया शरणार्थी शिविर का अधिकांश हिस्सा खंडहर हो गया है. इस हमले में अपनी जान बचाने में सफल रहे मोहम्मद अल नजर जब शनिवार को लौटे तो वह चकित रह गए. नजर का कहना है कि सब कुछ खत्म हो गया है. सभी घर मलबे में तब्दील हो गए हैं. अधिकांश हिस्सा इस तरह से खंडहर हो गया है कि यह भी पहचानना मुश्किल है कि मेरा घर कौन है.


जबालिया का नामों निशान मिटा दियाः स्थानीय नागरिक


इजरायली सेना के वापस चले जाने के बाद बड़ी संख्या में फलस्तीनी नागरिक वापस जबालिया कैंप आ रहे हैं. यहां वो अपना घरों को ढूंढने और जो भी सामान बचा है उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं. जहां कभी घर हुआ करते थे वहां अब सिर्फ कंक्रीट के स्लैब भरे हुए हैं. कई परिवार अपना सामान गधा गाड़ियों पर ले जा रहे हैं जबकि कई अन्य अपने सिर पर ही लेकर जा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, इस क्षेत्र में एक लाख से अधिक लोग रहते थे. 


इजरायली सेना के वापस चले जाने के बाद फिर से जबालिया वापस आए 47 साल के सुआद अबू सलाह का कहना है , " हमारे पास रहने के लिए अपने इस घर के अलावा कुछ नहीं है. लेकिन जबालिया को नामों निशान मिटा दिया गया है.


36 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए


बीते साल 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर हमास के अचानक हमले में 11 से ज्यादा इजरायली नागरिकों की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही इजरायल और हमास के बीच खूनी जंग जारी है. गाजा के स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के जवाबी हमले में गाजा में कम से कम 36 हजार लोग मारे गए हैं. इसमें से ज्यादातर नागरिक हैं.