Olaf Scholz Government: जर्मनी में बीते कुछ दिनों से राजनीतिक संकट चल रहा है, जिसके चलते अब शोल्‍ज सरकार गिर गई है. संसद में शोल्‍फ सरकार ने संसद में विश्‍वास मत खो दिया है. सोमवार को जर्मनी के सांसदों ने विश्‍वास मत को लेकर मतदान किया था, जिसमें ओल्‍फ शोल्‍ज सरकार के खिलाफ जमकर मतदान हुआ. इसके चलते अब जर्मनी में समय से पहले चुनाव होंगे. चिंताजनक बात यह है कि जर्मनी में यह राजनीतिक संकट ऐसे समय में चल रहा है जब देश पहले से आर्थिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहा है.


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विरोध में पड़े 394 वोट
 
विश्वास मत सत्र में 733 संसद सदस्यों ने वोट डाले जिसमें से 207 ने शोल्ज सरकार के पक्ष में मतदान किया, वहीं 394 संसद सदस्‍यों ने विरोध में वोट डाला.


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गठबंधन पतन के बाद हुआ सारा 'खेला'
 
दरअसल, पिछले महीने शोल्ज के तीन-पक्षीय गठबंधन का पतन हो गय था. शोल्ज ने बजट और आर्थिक नीतियों पर असहमति के कारण नवंबर में पूर्व वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर को बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद लिंडनर फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी (एफडीपी) ने खुद को गठबंधन से बाहर कर दिया. जिससे शोल्ज सरकार अल्‍पमत में आ गई.


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फरवरी में होंगे चुनाव


जर्मनी में अब आगामी फरवरी 2025 को समय से पहले चुनाव होंगे. दरअसल, जर्मनी के संविधान के अनुसार अगर चांसलर विश्वास मत हार जाते हैं, तो राष्ट्रपति संसद को भंग कर सकते हैं और चुनाव करा सकते हैं. अब जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर के पास संसद भंग करने के लिए 21 दिन का समय है और फिर 60 दिनों के भीतर चुनाव कराना होगा. इस हिसाब से फरवरी में चुनाव कराना अनिवार्य हो गया है.


पार्टियां ने घोषित किए अपने चांसलर उम्मीदवार


कमाल की बात यह है कि भले ही सरकार ने विश्‍वास मत अब खोया है लेकिन चुनावी पार्टियां आगामी चुनाव के लिए प्रचार पहले ही शुरू कर चुकी हैं. यहां तक कि लगभग सभी पार्टियों ने अपने चांसलर उम्मीदवारों की भी घोषणा कर दी है. सरकार गिरने के बावजूद एसपीडी ने शोल्ज को ही अपना चांसलर उम्मीदवार चुना है, जबकि विपक्षी नेता फ्रेडरिक मर्ज सीडीयू पार्टी की ओर से मैदान में हैं.