Gurpatwant Singh Pannu Threat: सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के चीफ और खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) ने नया ऑडियो जारी करके भारत को धमकी दी है. पन्नू ने इस बार आतंकवादी निज्जर की हत्या का बदला लेने के लिए धमकाया है. पन्नू ने कहा कि 5 अक्टूबर को आतंक का वर्ल्ड कप शुरू होगा. आतंकी पन्नू की तरफ से एक ऑडियो जारी किया गया है, जिसमें पन्नू ने कहा कि अहमदाबाद में खालिस्तानी झंडों का सैलाब आएगा. हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का बदला लिया जाएगा. जान लीजिए कि पन्नू अक्सर गीदड़भभकी देता रहता है. खालिस्तान मूवमेंट कनाडा में काफी एक्टिव है, यह कैसे चलता है? आज खालिस्तानियों और आतंकियों के गठजोड़ से चलने वाले आतंक फैलाने और वसूली के इस नेटवर्क के बारे में जान लीजिए. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये नापाक गठजोड़ किसी मल्टीनेशनल कंपनी से कम नहीं है. खास बात तो ये है कि ये जानकारी NIA की सप्लीमेंट्री चार्जशीट से सामने आई है.


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कैसे चलता है खालिस्तानी नेटवर्क?


बता दें कि खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला ने जो नेटवर्क तैयार किया था उसके बारे में NIA ने अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अहम खुलासा किया है. डल्ला कैसे अपना टेरर नेटवर्क ऑपरेट करता है. पहले इसे समझना जरूरी है. ज़ी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक, अर्श डल्ला के इशारे पर सबसे पहले हथियारों की सप्लाई होती थी. खालिस्तानी आतंकी सबसे पहले भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के रास्ते ड्रोन के जरिए हथियार सप्लाई करते थे. जब हथियार खालिस्तानी आतंकवादियों तक पहुंच जाते थे उसके बाद उन हथियारों से ट्रेनिंग दी जाती थी.


ऐसे लड़कों को बनाते थे टारगेट


गौरतलब है कि ट्रेनिंग ऐसे नाबालिग या कम उम्र के लड़कों को दी जाती थी जिनपर छोटे-मोटे आपराधिक मुकदमे दर्ज होते थे. इन लड़कों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी और उसके बाद इन्हें टारगेट दिया जाता था. टारगेट वसूली का होता था, जिसने पैसे दिए उसकी जान बच गई और जिसने पैसे नहीं दिए या बात नहीं मानी तो उसे डल्ला के ऑर्डर पर मार दिया जाता था. खालिस्तानी आतंकी शूटर्स को अपनी कंपनी में भर्ती करने के बाद अपने टारगेट के के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा कराते हैं ताकि वो किसी भी तरह से उनकी पकड़ से बाहर ना जा पाएं.


एनआईए की चार्जशीट में बड़ा खुलासा


एनआईए की चार्जशीट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि निज्जर और अर्शदीप डल्ला ने पंजाब के युवाओं को अपना टारगेट बनाया था और उन्हें लालच देकर आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश रची थी. युवाओं को फंसाने के लिए शूटर्स को पहले कनाडा का वीजा, शानदार नौकरी और अच्छी कमाई का लालच दिया जाता था और फिर दूसरे धर्म के लोगों को टारगेट करने के लिए ब्रेनवॉश किया जाता था. चार्जशीट में कहा गया है कि निज्जर, अर्शदीप सिंह और दूसरे आतंकियों ने मिलकर पंजाब में समाज के अलग-अलग वर्गों के बीच भय और असंतोष को हथियार बनाया और इसके लिए दूसरे धर्मों के लोगों के अपहरण और हत्या की साजिश रची.


ISI ने तैयार की टूलकिट


एनआईए ने अपनी जांच के दौरान खुलासा किया है कि आपराधिक सिंडिकेट और वसूली अभियानों से हुई आय का इस्तेमाल अत्याधुनिक हथियारों की खरीद के लिए करने में किया जाता है. आपराधिक सिंडिकेट खालिस्तानियों की मदद से न केवल देश की सीमाओं के भीतर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार भी फैला हुआ है. इसके अलावा खालिस्तान साजिश को सफल बनाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने टूलकिट तैयार किया है. टूलकिट के जरिए खालिस्तान के नाम पर कनाडा में प्रदर्शनों किए जाते हैं. इतना ही नहीं पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड अफसरों, पत्रकारों या उन पाकिस्तानियों की मदद ली जा रही है जिनके सोशल मीडिया पर हजारों की संख्या में फॉलोवर्स हैं.


ऐसे सभी लोगों को ISI की तरफ से खालिस्तान के नाम पर भारत के खिलाफ भडकाऊ पोस्ट के कंटेंट दिए जा रहे हैं उन्हें ये भी बताया जा रहा है कि ऐसे पोस्ट में किन हैशटैग का इस्तेमाल करना है जिससे इन्हें सोशल मीडिया पर वायरल किया जा सके. खुफिया एजेंसियों ने भारत के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में खालिस्तानी साजिश से जुड़े सोशल मीडिया एकाउंट की पहचान की है. पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर खालिस्तानी साजिश को हवा देने के लिए कई हैशटैग बनाकर उसे ट्रेंड कराने की भी कोशिश की जा रही है.