Hezbollah Uses Drones To Rockets: लेबनान के शक्तिशाली सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह ने गुरुवार को डंके की चोट पर पूरी दुनिया को बताया कि उसने इजरायल के सैन्य ठिकाने पर ड्रोन से हमला किया था. जो रॉकेट दागने में बहुत सक्षम है. जिसके बाद पूरी दुनिया में इस बात की चर्चा होने लगी कि हिजबुल्लाह के पास बहुत सैन्य ताकत है, जिसके दमपर वह इजरायल से टक्कर लेने की बात कह रहा है.  7 अक्टूबर को इज़राइल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ था, तभी से हिजबुल्‍लाह के लड़ाके इजरायल से जंग लड़ रहे हैं, और यह जंग अब डेली हो रही है.  जानें किसके दमपर लड़ रहा हिजबुल्लाह.

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इजरायल पर ड्रोन से हमला
उत्तरी इजराइल बॉर्डर पर हिजबुल्लाह ने पहली बार अपने हमले में इजराइल की सैन्य चौकी को निशाना बनाया है. हमले में 3 सैनिक घायल हुए हैं, जिनमें से एक हालत गंभीर है. उत्तरी इजराइल बॉर्डर पर लेबनान का सैन्य गुट हिजबुल्लाह लगातार मिसाइल और रॉकिट दाग रहा है. लेकिन अभी तक उसका कोई भी अटैक लक्ष्य को हिट नहीं कर पाया था और इजराइली डिफेंस उसको आसमान में ही खत्म कर देता था. लेकिन गुरुवार को हमास ने अपने पहले कामयाब हमले को अंजाम दिया. इस हमले ने हिजबुल्लाह ने ड्रोन का इस्तेमाल का इजराइल के सैन्य चौकी को निशाना बनाया.

हिजबुल्लाह ने कबूला, ड्रोन से किया हमला
हिजबुल्लाह ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने उत्तरी इजराइल के मेटुला में एक सैन्य ठिकाने पर दो एस-5 रॉकेट से लैस "सशस्त्र हमला ड्रोन" का इस्तेमाल किया था. ईरान समर्थित समूह ने एक वीडियो प्रकाशित किया जिसमें ड्रोन को उस स्थान की ओर बढ़ते हुए दिखाया गया है, जहां टैंक तैनात थे, फुटेज में वह क्षण दिखाया गया है जब दो रॉकेट छोड़े गए और उसके बाद ड्रोन में विस्फोट हुआ. अक्टूबर से जारी जंग में यह पहली बार है, जब इस तरह हिजबुल्लाह ने हमले में ड्रोन का इस्तेमाल किया है.  

हिजबुल्लाह के हमले का देखें वीडियो:- 



ड्रोन बना इजरायल का काल
हिजबुल्लाह से जुड़े मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि ड्रोन के वारहेड में 25 से 30 किलोग्राम (55 और 66 पाउंड) उच्च विस्फोटक शामिल था. सैन्य विश्लेषक खलील हेलो ने एएफपी को बताया कि ड्रोन के इस्तेमाल से हिजबुल्लाह को आसानी से इजरायली क्षेत्र के भीतर हमला करने का मौका मिल जाता है.  ड्रोन को रडार पकड़ भी नहीं पाता और कम ऊंचाई पर उड़ सकते है. 


हिजबुल्लाह की मिसाइलें
हिजबुल्ला अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों से इजरायल पर हमले कर रहा है. हिजबुल्लाह के पास नए-नए किस्म के हथियार और घातक मिसाइलें हैं. जिसमें ईरान की बुर्कान और अल्मास मिसाइलों ने तो इजरायल की कमर तोड़ने का काम किया है. 

'जिहाद मुग्नियाह' मिसाइल
हिजबुल्लाह के पास 'जिहाद मुग्नियाह' नाम की मिसाइल है, जिसका नाम 2015 में सीरिया में इजरायली गोलीबारी में मारे गए हिजबुल्लाह नेता के नाम पर रखा गया है. मुगनीह हिजबुल्लाह के एक वरिष्ठ व्यक्ति इमाद मुगनीह का बेटा था, जिसकी 2008 में दमिश्क में हत्या कर दी गई थी. हिजबुल्लाह ने इसे पहली बार इजरायल पर ही प्रयोग किया है, जो एक तरह से अपने नेता को श्रद्धांजलि भी है. जिसका वीडियो जारी किया है. 


आइरन डोम को भेदने की ताकत
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से एक सेवानिवृत्त जनरल ने कहा कि अपने नए हथियारों के बावजूद, हिजबुल्लाह अभी भी मुख्य रूप से कोर्नेट एंटी-टैंक मिसाइलों पर निर्भर है, जिनकी रेंज केवल पांच से आठ किलोमीटर है. वे कोंकर्स एंटी-टैंक मिसाइल का भी इस्तेमाल करते हैं, जो इजरायल की आयरन डोम रक्षा प्रणाली को भेद सकती है. 


हिजबुल्लाह ने बढ़ाई अपनी ताकत
हिजबुल्लाह के पास हथियारों का एक बड़ा शस्त्रागार है, जिसका उसने हाल के वर्षों में काफी विस्तार किया है. तभी तो हिजबुल्लाह बड़े डंके की चोट पर कहता है कि उसके पास इजरायली क्षेत्र में अंदर तक हमला करने में सक्षम उन्नत हथियार हैं.