नई दिल्ली: अप्रैल और मई में कोविड-19 महामारी की दूसरी घातक लहर के दौरान भारत में कहर बरपाने के बाद, डेल्टा वैरिएंट अब 90 से अधिक देशों में फैल गया है, अमेरिका से लेकर यूरोप और अफ्रीका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक. केंद्र सरकार के अनुसार, भारत में कोविड के 90 प्रतिशत मामले बी16172 (डेल्टा) प्रकार से संचालित हो रहे हैं.


भारत में सबसे पहले मिला था डेल्टा वैरिएंट


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, डेल्टा वेरिएंट पहली बार अक्टूबर 2020 में भारत में पाया गया था, और तब से तेजी से अन्य उपभेदों को पार कर गया है. मई में, वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने इसे वैश्विक चिंता का संस्करण घोषित किया था. सीएनबीसी ने बताया कि कोविड के लिए डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव के मुताबिक, डेल्टा अब 92 देशों में फैल गया है.


इजराइल में वैक्सीन लगवाने के बाद भी संक्रमण


अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फौसी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि डेल्टा वैरिएंट एक बढ़ता हुआ खतरा है और मूल कोविड वायरस और अल्फा वेरिएंट की तुलना में अधिक संचरित है. वैरिएंट ने इजराइल में लगभग 50 प्रतिशत टीकाकरण वाले वयस्कों को संक्रमित किया है, जिससे देश को घर के अंदर फेस मास्क पहनने का जनादेश फिर से लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.


सिडनी में लॉकडाउन बढ़ाया गया


वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 90 प्रतिशत नए संक्रमण डेल्टा वैरिएंट के कारण होते हैं. ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में लॉकडाउन को बढ़ा दिया है, क्योंकि शहर ने हाल के दिनों में अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वैरिएंट के 80 से अधिक मामलों की पुष्टि की है.