नई दिल्ली:  पूर्वी लद्दाख की सीमा के तीन प्वाइंट्स पर पैदा हुए गतिरोध को सुलझाने पर भारत और चीन (India and China) सहमत हुए हैं. इसको लेकर बुधवार को चीनी सैनिकों के हटने की पहल शुरू हो गई है. ताजा जानकारी के मुताबिक, अब चीनी सैनिक गलवान वैली, पेट्रोल प्वाइंट 14, 15 और 17A और पैंगॉन्ग त्सो- फिंगर 4 से पीछे हट गए हैं. सूत्रों की मानें तो सभी 3 इलाकों में चीनी सैनिक 500 मीटर पीछे चले गए हैं. 15 जून को भारत चीन के बीच झड़प वाले गलवान वैली  के पेट्रोल प्वाइंट 14 में, चीनी सैनिकों को एलएसी के चीनी हिस्से पर 20 किमी तक वापस जाते देखा गया है.


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मिली जानकारी के मुताबिक, भारत सतर्कता से चीन पर नजर बनाए हुए है और समय-समय पर जमीनी हालात का जायजा भी ले रहा है. सोमवार को भारत-चीन के कोर कमांडर स्तर की बैठक मोल्डो इलाके में 11 घंटे तक हुई थी. बैठक में दोनों देशों के बीच पीछे हटने पर सहमति बनी थी. दोनों देशों के बीच सकारात्मक बातचीत भी हुई थी. 


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6 जून को दोनों देशों के बीच सेनाओं को पीछे हटाने के मुद्दे पर बैठक हुई थी. वहीं, 15 जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच लद्दाख सीमा पर हिंसक झड़प हुई. भारत के मुताबिक, 15 जून को गलवान घाटी में एलएसी के पास चीन की तरफ से निर्माण के जरिए एकतरफा रूप से सीमा में बदलाव की कोशिशों पर हिंसक संघर्ष हुआ था. इस संघर्ष में दोनों तरफ से सैनिक हताहत हुए थे. लद्दाख में फेसऑफ के बाद स्थिति को बहाल करने के लिए दोनों देशों के बीच 1 जून से करीब 8 बार सैन्य वार्ता की जा चुकी है.


आपको बता दें कि मई 2020 से ही चीन लद्दाख में LAC इलाके में भारत की पेट्रोलिंग पर बाधा डालता आया है. मध्य मई में चीन ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी इलाके के अन्य क्षेत्रों में एलएसी को स्थानांतरित करने का प्रयास किया. जिसका भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया.


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