नई दिल्ली: लद्दाख हिंसा के बाद से भारत-चीन (India China) के रिश्तों में तनाव है और चीन समय-समय पर यह साबित करता रहा है कि वो सुधरने वाला नहीं है. हालांकि, अब एकदम से वह दोस्ती का राग अलापने लगा है, इसकी वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का स्वतंत्रता दिवस पर दिया जोशीला भाषण.


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प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त के अपने भाषण में इशारों-इशारों में चीन को स्पष्ट संदेश दिया था कि उसकी कारगुजारियों का आगे भी मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. PM ने कहा था, ‘भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है. LOC (Line of Control) से लेकर LAC (Line of Actual Control) तक, जब भी किसी ने हमें चुनौती दी है, हमारे सैनिकों ने उसका माकूल जवाब दिया है’. 


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PM के इस भाषण के बाद सहमा चीन अब दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों की वकालत कर रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि बीजिंग भारत के साथ आपसी विश्वास एवं रिश्तों को मजबूत करना चाहता है और मतभेदों को ठीक ढंग से निपटाने के लिए तैयार है. 


चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन-भारत संबंधों से न केवल दो देशों को फायदा होगा, बल्कि स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ेगी. विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘चीन भारत के साथ आपसी राजनीतिक विश्वास को बेहतर करना, मतभेदों को सही से निपटाना, व्यावहारिक और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना जारी रखेगा’. 


प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में लद्दाख हिंसा के जिक्र किया था, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. इस हिंसक झड़प में चीनी सैनिक भी मारे गए, लेकिन उसने आज तक यह सच्चाई स्वीकारने की हिम्मत नहीं दिखाई है. चीन की तरफ से यह नहीं बताया गया है कि गलवान घाटी में अपनी करतूतों के लिए उसे कितने सैनिक गंवाने पड़े. हालांकि, प्रधानमंत्री ने चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने इशारों-इशारों में यह स्पष्ट कर दिया कि भारत उसकी हर हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.


रक्षामंत्री ने भी चेताया था 
PM से पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी चीन को चेताया था. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अप्रत्यक्ष तौर पर चीन पर हमला बोलते हुए कहा था कि जो कोई भी भारत की भूमि पर कब्जा करने का दुस्साहस दिखता है, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. सिंह ने सुरक्षा बलों को संबोधित करते हुए आगे कहा था कि ‘आज देश को भरोसा है कि जब तक आप लोग (सैनिक) तैनात हैं, तो कोई भी हमारी भूमि का एक इंच भी नहीं कब्जा सकता. यदि किसी ने ऐसा करने की हिमाकत की, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए. हम माकूल जवाब देना जानते हैं’. 


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