India-Bangladesh Relations: बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात के बाद भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सांस्कृतिक-धार्मिक संपत्तियों पर हमलों को लेकर चिंता जाहिर की. भारत ने इन मुद्दों पर अपनी गंभीरता से बांग्लादेश को अवगत कराया. इस मुलाकात का उद्देश्य दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा करना था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हाल के घटनाक्रम और भारत की प्रतिक्रिया


विदेश सचिव विक्रम मिस्री की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय, विशेषकर हिंदुओं, पर बढ़ते हमलों ने नई दिल्ली में चिंता पैदा कर दी है. बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के निर्वासन के बाद से हिंसा की घटनाओं में तेजी आई है. हसीना के शासन के दौरान भारत और बांग्लादेश के संबंध मजबूत थे, लेकिन हालिया राजनीतिक बदलावों ने इन संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है.



शेख हसीना का निर्वासन और भारत-बांग्लादेश संबंध


प्रधानमंत्री शेख हसीना को अगस्त में बड़े पैमाने पर हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. इसके बाद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अस्थायी सरकार बनाई गई. हसीना के जाने के बाद से बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदू समुदाय, के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं. भारत और बांग्लादेश के बीच वर्षों से मधुर संबंध रहे हैं, जो हसीना के शासनकाल में और मजबूत हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस साझेदारी को "दोनों देशों की शांति, सुरक्षा और विकास की साझा आकांक्षाओं" का प्रतीक बताया था. लेकिन मौजूदा घटनाओं ने इन रिश्तों को कमजोर कर दिया है.


सांस्कृतिक और धार्मिक संपत्तियों पर हमले


हाल के हफ्तों में बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और सांस्कृतिक स्थलों पर हमले हुए हैं, जिसने भारत को चिंतित कर दिया है. इन हमलों में धार्मिक प्रतीकों और संपत्तियों को निशाना बनाया गया है. इसके अलावा, हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने भी भारत में आक्रोश पैदा किया है. नई दिल्ली ने इन घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए बांग्लादेश सरकार से इस तरह की हिंसा को रोकने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.


भारत ने उठाई अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की आवाज


विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अपनी मुलाकात के दौरान यह स्पष्ट किया कि भारत बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों पर हमले बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं और इनकी रोकथाम जरूरी है. मिस्री ने कहा, “हमने हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा की और मैंने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से जुड़ी चिंताओं से बांग्लादेश को अवगत कराया. हमने सांस्कृतिक और धार्मिक संपत्तियों पर हुए हमलों की खेदजनक घटनाओं पर भी चर्चा की.”


आगे का रास्ता


भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत संबंध रहे हैं. हालांकि, मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों और बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा ने दोनों देशों के बीच तनाव पैदा किया है. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके लिए वहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है. नई दिल्ली ने बांग्लादेश से अपील की है कि वह धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों की रक्षा करे और अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाली हिंसा को सख्ती से रोके.


(एजेंसी इनपुट के साथ)