सोशल मीडिया पर घृणास्पद सामग्री को रोकने के लिए बहुपक्षीय प्रयासों की आवश्यकता: भारत
नायडू ने कहा, “सोशल मीडिया ने लोगों को एक ऐसा मंच दिया है जिससे वह अपने घृणास्पद भाषणों और कट्टरपंथी सोच को दूसरे लोगों तक पहुंचा सकते हैं. कुछ लोग घृणा को हिंसा में बदल चुके हैं.`
संयुक्त राष्ट्र : भारत ने आतंकवादियों द्वारा सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर युवाओं को बरगलाने पर चिंता व्यक्त करते हुए इससे निपटने के लिये बहुपक्षीय प्रयास पर जोर दिया है.
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय उप स्थायी प्रतिनिधि के नागराज नायडू ने बुधवार को महासभा की औपचारिक बैठक के दौरान यहूदी-विरोध और नस्लवाद के अन्य रूपों पर बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत प्रौद्योगिकी के माध्यम से परस्पर जुड़े विश्व में यहूदी विरोध, नस्लवाद, असहिष्णुता और विदेशियों के खिलाफ घृणा को लेकर चिंतित है.
नायडू ने कहा, “सोशल मीडिया ने लोगों को एक ऐसा मंच दिया है जिससे वह अपने घृणास्पद भाषणों और कट्टरपंथी सोच को दूसरे लोगों तक पहुंचा सकते हैं. कुछ लोग घृणा को हिंसा में बदल चुके हैं."
उन्होंने कहा कि आतंकवादी खुलेआम या छिपकर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर युवाओं को बरगला रहे हैं. उन्हें अपनी नापाक चालों में फंसा रहे हैं. उन्होंने कहा, "इस प्रकार की हरकतें बेशर्मी के साथ जारी हैं." उन्होंने जातीय नफरत फैलाने वाले भाषणों की चुनौतियों को ऑनलाइन हल करने के लिए बहुपक्षीय और बहु-हितधारक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया.