अलास्का, अमेरिका: भारत (India) और अमेरिका (US) के सैनिकों ने 48 घंटों तक 7000 फीट की ऊंचाई पर शून्य से कई डिग्री कम तापमान में पहाड़ पर मौजूद दुश्मन पर अचानक हमला करके उसे तबाह करने का अभ्यास किया. भारत और अमेरिका के बीच अलास्का (Alaska) में 15 अक्टूबर से चल रहे साझा सैनिक अभ्यास (India-US Joint War Exercise) का यह अंतिम और सबसे मुश्किल दिन था. इस अभ्यास में बेहद ठंड और ऊंचाई पर साथ मिलकर साझा दुश्मन से लोहा लेने की प्रैक्टिस की गई. 


48 घंटे तक चला युद्धाभ्यास


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अलास्का में भारतीय और अमेरिकी सैनिकों (India-US Joint War Exercise) को 25 अक्टूबर की रात को चिनूक हेलीकॉप्टरों से पहाड़ पर मोर्चाबंद दुश्मन से निबटने के लिए भेजा गया था. जबरदस्त सर्दी  के बावजूद दोनों सेनाओं के सैनिकों ने लगातार 48 घंटे तक चले ऑपरेशन में दुश्मन की मोर्चाबंदी को तोड़कर उसे तबाह किया. इसी समय कई भारतीय-अमेरिकी सैनिकों ने एक दूसरे ऊंचे पहाड़ और ग्लेशियर पर भी कार्रवाई की. इस दौरान तापमान शून्य से 15 डिग्री तक नीचे था. 


कसौटी पर खरे उतरे भारतीय सैनिक


भारतीय सैनिकों (Indian Army) ने दूर से हमले के लिए रॉकेट लांचर और पास से कार्रवाई के लिए एके 47, स्वदेशी इंसास और सिग सौर राइफलों का इस्तेमाल किया. अमेरिकी सैनिकों ने एम4 और एम 16 राइफलों से दुश्मन का सामना किया. इस कार्रवाई में सैनिकों के पर्वतारोहण, जंगल में युद्ध और बेहद खराब मौसम में कार्रवाई करने के हुनर को कसौटी पर जांचा गया, जिसमें भारतीय सैनिक खरे उतरे. 


भारतीय सेना (Indian Army) पिछले एक साल से चीन के खिलाफ़ लद्दाख सहित कई ऊंचाई वाले इलाक़े में तैनात है जहां मौसम खराब रहता है. इसलिए भारतीय सैनिकों को ऐसे युद्ध का अच्छा अभ्यास हो गया है. 


बढ़ रहे भारत-अमेरिका के संबंध


भारत और अमेरिका (India-US Joint War Exercise) के बीच सैनिक संबंध लगातार बढ़ रहे हैं. दोनों देशों की सेनाओं के बीच होने वाला सालाना युद्धाभ्यास दोनों को एक-दूसरे से सीखने और रणनीति समझने में मदद करता है. भारत और अमेरिका इस समय चीन के खिलाफ़ बनने वाले मोर्चे के सबसे बड़े सहयोगी हैं. भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच होने वाले मालाबार नौसैनिक अभ्यास में अब आस्ट्रेलिया और जापान भी शामिल हो चुके हैं. 


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चीन के खिलाफ एकजुट हो रहे दोनों देश


पिछले साल लद्दाख में चीन के साथ शुरू हुए तनाव के बाद अमेरिका ने भारत को कई तरह की सहायता दी थी. भारत और अमेरिका के बीच में रणनैतिक महत्व के कई समझौते हुए हैं. जिसमें एक-दूसरे से सूचना साझा करने और एक-दूसरे को मदद करने के समझौते शामिल हैं.


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