India US Relations: जांच में गलती हुई तो क्या होगा? आतंकी पन्नू के मामले में भारतवंशी सांसदों ने चेताया
India US Ties: इस समय अमेरिका, भारत और कनाडा सहित दुनियाभर में खालिस्तानी आतंक (Khalistani Terror) का मुद्दा गरमाया हुआ है. अमेरिका की बात करें तो वहां निखिल गुप्ता नाम के शख्स पर खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या की कथित साजिश के आरोप में मुकदमा चलाया जा रहा है.
India-US ties Pannun murder Plot: अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी पन्नू की कथित हत्या की साजिश के मामले को लेकर भारत और अमेरिका के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. फिलहाल दोनों ओर से अनावश्यक बयानबाजी से बचा जा रहा है. निखिल गुप्ता के चेक गणराज्य से प्रवर्तन की खबरों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासनिक अधिकारियों ने शुक्रवार को पांच भारतीय-अमेरिकी सांसदों को भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर मुकदमा चलाए जाने की जानकारी दी है. गुप्ता पर अमेरिकी में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या के प्रयास की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. इस मामले को लेकर भारतवंशी सांसदों का बयान सामने आया है.
भारतवंशी सांसदों का बड़ा बयान
कांग्रेस के सदस्यों के रूप में अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. मुकदमे में लगाए गए आरोप गंभीर है. हम भारत सरकार के जांच कमेटी गठित करने की घोषणा का स्वागत करते है. ये जरूरी हैं कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच हो और जिम्मेदार लोगों को कसूरवार ठहराएं. पांचों सांसदों ने चिंता जताई कि अगर इस मामले पर गौर नहीं किया गया तो भारत-अमेरिका की साझेदारी को नुकसान हो सकता है.
आपको बता दें कि अमेरिका में निखिल गुप्ता पर खालिस्तानी समर्थक के हत्या के प्रयास में मुकदमा चल रहा है. बाइडेन प्रशासन का आरोप है कि इस मामले में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी भी शामिल था. इसे लेकर भारत पहले ही एक जांच टीम गठित कर चुका है. भारत ने कहा था कि सुरक्षा संबंधी जानकारी दोनों देशों के लिए चिंता है. हम ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हैं.
कनाडा के बाद अमेरिका खालिस्तानियों के लिए नरम रुख?
कनाडा के पीएम ट्रूडो खालिस्तानियों की पैरवी को लेकर भारत के साथ संबंध खराब कर चुके हैं. कनाडा और अमेरिका के बीच दोहरी नागरिकता वाली संधि हैं. ऐसे में खालिस्तान के लोग कनाडा से अमेरिका रूट पर आसानी से मूवमेंट करके भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या कनाडा के बाद अमेरिका ने खालिस्तानियों पर नरम रुख अपनाने का फैसला किया है.