नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के मद्देनजर पूरी दुनिया अभिवादन की भारतीय संस्कृति को अपना रही है. खासकर तमाम बड़े नेताओं ने ‘नमस्ते’ (Namaste) को अपनी आदत में शुमार कर लिया है. ग्रीटिंग के इस नॉन-कॉन्टेक्ट तरीके को अपनाने वालों में अब फ्रांस राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (France President Emmanuel Macron) और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल (Chancellor of Germany Angela Merkel) भी शामिल हो गए हैं.


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यूरोपीय यूनियन के ये दोनों लीडर जब गुरुवार को कोरोना वायरस से संबंधित यात्रा प्रतिबंधों पर चर्चा के लिए मिले, तो उन्होंने एक दूसरे का अभिवादन ‘नमस्ते’ के साथ किया. मैक्रॉन और मर्केल के भारतीय संस्कृति में एक-दूसरे का अभिवादन करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 



सामान्य तौर पर पश्चिमी देशों के नेता हाथ मिलाते हैं या गले लगते हैं, लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए उन्होंने अपनी इस आदत को फिलहाल के लिए गुडबाय बोलकर भारतीय संस्कृति को अपना लिया है. हालांकि, इमैनुएल मैक्रॉन ने मार्च की शुरुआत में भी पेरिस के एलिसी पैलेस में स्पेन के किंग फेलिप और क्वीन लेटिजिया का हाथ जोड़कर स्वागत किया था. उस वक्त नई दिल्ली में फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनैन ने अपने ट्वीट में कहा था कि ‘राष्ट्रपति मैक्रॉन ने अपने सभी अतिथियों का स्वागत नमस्ते से करने का फैसला लिया है. 2018 में अपनी भारतीय यात्रा के दौरान वह अभिवादन की भारतीय संस्कृति से रूबरू हुए थे’. 


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हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और प्रिंस चार्ल्स (Prince Charles) भी एक-दूसरे का स्वागत नमस्ते के साथ करते नजर आये थे. दोनों की यह फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. इसी तरह जब मार्च, 2020 में पत्रकारों ने ट्रंप से पूछा था कि उन्होंने वाशिंगटन में अपनी बैठक के दौरान आयरिश प्रधानमंत्री लियो वराडकर (Irish Prime Minister Leo Varadkar) का अभिवादन कैसे किया, तो दोनों नेताओं ने हाथ जोड़कर दिखाए थे. ट्रंप ने पत्रकारों एक सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि ‘मैं कुछ वक्त पहले ही भारत से लौटा हूं. मैंने वहां हाथ नहीं मिलाया और यह बहुत आसान है. वहां लोग एक-दूसरे का स्वागत ऐसे करते हैं.


इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (sraeli Prime Minister Benjamin Netanyahu) ने भी अपने देश में अभिवादन की भारतीय शैली की वकालत की है. इस साल की शुरुआत में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने बाकायदा अपने हाथ जोड़कर दिखाया था कि ‘नमस्ते’ कैसे करते हैं. 


वैसे तो भारतीय संस्कृति पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, लेकिन कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए ‘नमस्ते’ अभिवादन का वैश्विक तरीका बनता जा रहा है. पश्चिमी शैली के इतर ‘नमस्ते’ से संपर्क में आये बिना किसी का स्वागत किया जा सकता है और कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह सबसे कारगर है. इसलिए दुनिया के तमाम देशों के नेताओं ने इसे अपनी आदत में शुमार कर लिया है.


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