Iran women hijab law and protest: ईरान में महिलाओं की आजादी को कुचलने के लिए नए-नए कानून लाए जा रहे हैं. छोटी सी गलतियों के लिए भी भारी सजा के प्रावधान किए जा रहे हैं. हालांकि कड़े विरोध के चलते ईरान की सरकार को इन कानूनों पर रोक लगानी पड़ी है. इस बीच देश के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने महिलाओं को 'नाजुक फूल' कहकर नए विवाद को जन्‍म दे दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, शिया देश में महिला अधिकारों पर अंकुश लगाने के आरोपी खामेनेई ने कहा कि महिलाओं की 'देखभाल करने की जरूरत है'.


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महिलाएं नाजुक फूल, उनकी सुगंध का लाभ लें


देश के सर्वोच्‍च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने पोस्‍ट में लिखा है, "महिला एक नाजुक फूल है, घर की नौकरानी नहीं है. महिला को घर में एक फूल की तरह माना जाना चाहिए. उसकी एक फूल की तरह देखभाल की जानी चाहिए. उसकी ताजगी और मीठी सुगंध का लाभ उठाया जाना चाहिए. हवा को सुगंधित करने के लिए इसका उपयोग किया जाना चाहिए."


 



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खामेनेई का यह पोस्‍ट उस समय में आया है जब देश में कड़े हिजाब कानून को लेकर महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. साल 2022 में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद से ही ईरान में महिलाएं हिजाब के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं. दुनिया भर में ईरान की आलोचना हो रही है, जो महिलाओं की आजादी पर उनके अधिकारों पर रोक लगा रहा है.


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एक ओर अधिकार कुचल रहा, दूसरी ओर फूल कह रहा


ये सोचने वाली बात है कि साल 2022 में अमिनी की मृत्यु के बाद से, ईरान ने महिलाओं के बढ़ते असंतोष को दबाने के प्रयासों को दोगुना कर दिया है. यहां तक कि हिजाब ना पहनने को लेकर उनकी पुलिसिंग की जा रही है, कड़ी सजाएं और अर्थदंड के प्रावधान किए जा रहे हैं. ये सब अली खामेनेई के साए तले ही हो रहा है और वे महिलाओं को नाजुक फूल कहकर उनकी देखभाल करने का ज्ञान दे रहे हैं.


बता दें कि सितंबर 2023 में संसद द्वारा अनुमोदित हिजाब कानून को लेकर ईरानी महिलाएं विरोध में हैं. यह कानून महिलाओं के सार्वजनिक पहनावे पर कड़े प्रतिबंध लगाने और उनका उल्‍लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई करने को लेकर है. अब ईरान में कुछ सांसदों ने सरकार से आग्रह किया है कि वे प्रदर्शनकारी महिलाओं को राहत देने के लिए विधेयक को कुछ नरम कर दें.