Hamas Tunnel Network: इजरायली सेना गाजा पर बड़ा जमीनी हमला करने के लिए तैयार खड़ी है. 7 अक्टूबर को हमास ने यहूदी राष्ट्र के ऊपर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया था जिसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. अब इजरायल हमास से बदला लेने पर उतारू है. हमास ताकत और तकनीक में इजरायली सेना के सामने कहीं नहीं ठहरता है लेकिन उसके पास एक ऐसी ताकत भी है जिससे पार पाना इजरायल के बेहद मुश्किल साबित होगा. यह है गाजा में भूमिगत सुरंगों का विशाल नेटवर्क.


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इजरायल ने बहुत पहले ही हमास की इस सबसे बड़ी ताकत को भांप लिया था और इसने इन सुरंगों से निपटने के लिए 1 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च किया है.


कितनी लंबी सुरंगे हैं गाजा में?
माना जाता है कि गाजा में सैंकोड़ों किलोमीटर लंबी भूमिगत सुरंगों का जाल बिछा है. साल 2021 में हुए संघर्ष के बाद इसराइली सेना दावा किया था कि उसने गाजा में 100 किलोमीटर लंबी सुरंगे तबाह कर दी हैं लेकिन हमास का कहना था कि सिर्फ 5 फीसदी सुरंगे ही तबाह हुई हैं और गाजा में कुल 500 किलोमीटर लंबी सुरेंगे बनी हुई हैं. अगर आपको यह आंकड़ा कम लग रहा है तो जान लें कि लंदन शहर में फैली अंडरग्राउंड मेट्रो सिर्फ 400 किलोमीटर कवर करती है और उसमें से भी अधिकतर ज़मीन के ऊपर है.


अपने दुश्मन पर बढ़त हासिल करने के लिए, इज़राइल ने 2014 में इज़राइली फर्मों एल्बिट सिस्टम्स और राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स द्वारा डेवलप एक परिष्कृत सुरंग-पहचान प्रणाली (Tunnel-Detection System) में निवेश करने का फैसला किया, ये दोनों ठेकेदार संयुक्त रूप से मिसाइल रक्षा प्रणाली पर भी काम करते थे, जिसे आयरन डोम के नाम से भी जाना जाता है.


हालांकि तेल अवीव स्थित इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल स्टडीज के शोध के अनुसार, सेंसर फुलप्रूफ नहीं हैं क्योंकि वे उन सुरंगों का पता नहीं लगा सकते हैं जो मुड़ती हैं और चौराहों से भ्रमित करती हैं.


इन कामों के लिए हमास करता है सुरंगों का इस्तेमाल
हमास वर्षों से हथियारों, कमांड सुविधाओं और लड़ाकों को छुपाने के लिए घनी आबादी वाले गाजा के नीचे सुरंगों का उपयोग करता आया है. समय के साथ, वेंटिलेशन शाफ्ट और बिजली के साथ भूमिगत मार्ग अधिक परिष्कृत हो गए हैं.


एक्सपर्ट्स का यहां तक मानना है कि कुछ सुरेंगे 35 मीटर हो सकती हैं जिनमें रेल पटरियों और कम्युनिकेशन कमरें भी हो सकते हैं. इनका एंट्री गेट अक्सर आवासीय भवनों या अन्य सार्वजनिक जगहों में होता है.


सबसे पहले भूमिगत नेटवर्क का उद्देश्य मुख्य रूप से मिस्र से सामान और हथियारों की तस्करी करना लेकिन उग्रवादियों ने इसका इस्तेमाल सीमा पार छापे के लिए भी किया. इसमें 2006 का ऑपरेशन भी शामिल था जिसमें उन्होंने 19 साल के इजरायली सैनिक गिलाद शालित का अपहरण कर लिया था और दो अन्य इजरायली सैनिकों की हत्या कर दी थी.  इज़राइल द्वारा 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त करने के बदले में शालित को पांच साल बाद रिहा कर दिया गया था.


इज़राइल ने भूमिगत भूलभुलैया से छुटकारा पाने के लिए 2014 में गाजा में जमीनी आक्रमण किया था, जिसका इस्तेमाल हमास के आतंकवादियों ने 50-दिवसीय युद्ध के दौरान इजरायली बलों पर घात लगाने के लिए किया था.


मिस्र ने भी लगभग एक दशक पहले सुरंगों को बाढ़ सहित नष्ट करने के लिए एक समन्वित अभियान शुरू किया था.