Ramadan Begins Amid War in Gaza: सऊदी अरब में रविवार को इस्लाम के मुकद्दस (पवित्र) महीने रमज़ान का चांद नज़र आ गया. पश्चिम एशिया के कई देशों में सोमवार को पहला रोज़ा (व्रत) रखा जाएगा. इसी के साथ यह भी तय हो गया है कि गाजा में युद्धविराम के बिना ही रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है. मिस्र, कतर और संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को रमज़ान की शुरुआत से पहले इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम की कोशिशों में थे हालांकि ऐसा हो नहीं सका. जानते हैं अब आगे क्या संभावनाएं बन सकती हैं.


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युद्धविराम के प्रयास जारी
युद्धविराम के प्रयास अभी भी जारी हैं. मिस्र कथित तौर पर रमजान के दौरान गाजा पट्टी पर संघर्ष विराम के लिए बातचीत फिर से शुरू करने के लिए सीनियर हमास और इजरायली अधिकारियों के साथ-साथ अन्य मध्यस्थों के साथ बातचीत कर रहा है. इसका मतलब है कि यह उम्मीद अभी की जा सकती है कि पवित्र महीने के दौरान कुछ समय बाद युद्धविराम पर सहमति बन जाए.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमास के एक शीर्ष राजनीतिक नेता, इस्माइल हनियेह ने रविवार को एक टेलीविजन भाषण में कहा कि हमास एक ऐसा समझौता चाहता है जो युद्ध को समाप्त करने और गाजा से इजरायली बलों की वापसी की गारंटी दे, विस्थापित फिलिस्तीनियों को उनके घरप लौटाए, और गाजावासियों की मानवीय जरूरतों को पूरा करना. उन्होंने कहा, 'इजरायल अपने कैदियों को वापस लाना चाहता है और फिर हमारे लोगों पर युद्ध फिर से शुरू करना चाहता है.'


रमजान की शुरुआत में तनाव बढ़ने की संभावना
इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप ने कहा कि मार्च में रमजान की शुरुआत से वेस्ट बैंक और उसके बाहर तनाव बढ़ सकता है. विशेष रूप से, अगर इज़राइल ने यरूशलेम के अल-अक्सा परिसर में मुस्लिम उपासकों की पहुंच पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, तो इससे लेबनान में हिजबुल्लाह या फिलिस्तीनी सशस्त्र समूहों द्वारा हिंसा को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे पूर्ण पैमाने पर युद्ध का खतरा बढ़ सकता है.


भुखमरी सबसे बड़ा खतरा
लगातार युद्ध की स्थिति के बीच गाजा में बड़े पैमाने पर भुखमरी सबसे गंभीर खतरा बनी हुई है. फरवरी में सहायता प्रवाह आधे से कम हो गया और संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि 90 प्रतिशत आबादी उच्च स्तर की तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही है और लगभग 600,000 लोग ‘अकाल से एक कदम दूर’ हैं. भोजन के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने दावा किया कि इज़राइल जानबूझकर फिलिस्तीनियों को भूखा मार रहा है और ‘नरसंहार की स्थिति’ घोषित की है.


31 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत
7 अक्टूबर से गाजा पर जारी इजरायली हमलों में कम से कम 31,045 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 72,654 घायल हुए हैं. इजरायल ने हमास के 7 अक्टूबर के हमले के बाद युद्ध की घोषणा की थी जिसमें 1,139 लोग मारे गए थे जबकि 200 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था.  और दर्जनों को बंदी बनाया जाना जारी है।