World News in Hindi:  गाजा में इजरायली बमबारी में हजारों की लोगों की दुखत मृत्यु के बावजूद बाइडेन प्रशासन ने इजरायल के लिए 320 मिलियन डॉलर के हथियार सौदे को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे के तहत इजरायल को स्पाइस फैमिली ग्लाइडिंग बम असेंबली (Spice Family Gliding Bomb Assemblies) मिलेगा. यह एक प्रकार का स्मार्ट बम है, जो अपनी उच्च सटीकता के लिए जाना जाता है.


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स्पाइस (स्मार्ट, सटीक प्रभाव, कॉस्ट इफेक्टिव) बम हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियार हैं. इन्हें राफेल यूएसए द्वारा डेवलप किया गया है. बता दें राफेल यूएसएस इज़राइल के सबसे प्रमुख हथियार निर्माताओं में से एक की अमेरिकी ब्रांच है.


क्यों खतरनाक है यह बम?
इन बमों को बिना निर्देशित बमों की सटीकता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो उन्हें प्रभावी ढंग से जीपीएस-निर्देशित हथियारों में बदल देते हैं.


स्पाइस बम सटीक फाइल टारगेटिंग के लिए आईएनएस/जीपीएस (जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम/ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) गाइडेंस और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल साधकों को एकीकृत करते हुए एडवांस्ड गाइडेंस किट का उपयोग करते हैं. यह तकनीक उनकी सटीकता और टारगेटिंग क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती है, जिससे वे इच्छित लोकेशन पर हमला करने में अधिक प्रभावी हो जाते हैं.


इन्हीं बमों का इस्तेमाल बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान किया गया था जब इंडियन एयर फोर्स ने 26 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकवादी शिविर को निशाना बनाया था.


युद्धविराम की मांग के बीच इजरायल को मिलेगा ये बम
इजरायल को यह शक्तिशाली बम ऐसे समय में मिलेंगे जब गाजा में युद्धविराम की मांग जोर पकड़ रही है. पेंटागन ने 7 अक्टूबर को सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से इजरायल को प्रदान की गई सैन्य सहायता और उपकरणों की सीमा का खुलासा नहीं किया है.


सोमवार (6 नवंबर) को, व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने स्वीकार किया कि गाजा में 'कई, हजारों निर्दोष लोगों' की जान चली गई है.


विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन सहित वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने इजरायल से गाजा में मदद भेजने और नागरिकों की निकासी को सुविधाजनक बनाने के लिए मानवीय रोक पर विचार करने की अपील की है. हालांकि, सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने इस चिंता का हवाला देते हुए युद्धविराम की स्पष्ट रूप से वकालत करने से परहेज किया है कि इससे हमास को फायदा हो सकता है.