DNA: इजरायल ने ऐसी जगह हमला कर दिया, अब अमेरिका भी नाराज होने लगा
Gaza War: अबतक जो देश हमास के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई का समर्थन कर रहे थे, उनमें से कई देश इजरायल के खिलाफ होने लगे हैं. खुलकर इजरायल के साथ खड़े अमेरिका के सुर भी बदल गए हैं. दुनिया कुछ और महसूस करने लगी है.
Israel Palestine Conflict: हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध के उनहत्तर दिन हो गए हैं. हमास को ख़त्म करने की कसम को पूरा करने के लिए इजरायल ने 38 हज़ार से ज्यादा बम गाजा में गिराए. हज़ारों इमारतों को हवाई हमलों में तबाह कर दिया. फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि 19 हज़ार से ज्यादा लोग इजराल के हमलों में मारे गए हैं. लेकिन अब इजरायल मानवता की सीमाएं लांघ रहा है. इजरायली सेना Tanks से गाजा के कब्रिस्तानों को तबाह कर रही है. गाजा के Shajaiye शहर के एक कब्रिस्तान में इजरायली सेना ने Tanks की मदद से सैंकड़ों कब्रों को तबाह कर दिया. गाजा में ऐसे कुल 6 कब्रिस्तान में तबाही मचाई है, लेकिन ऐसा करने के पीछे वजह क्या है. इसका जवाब Israel Defence Force ने नहीं दिया है.
इजरायली सेना कब्रिस्तान तबाह कर रही है
असल में Shajaiye शहर के कब्रिस्तान में कब्रों को देखा जा सकता है. इजरायल सेना Tank लेकर पहुंची और कब्रों को तोड़ दिया. पिछले दो हफ्ते से इजरायली सेना गाजा में इसी तरह कब्रिस्तान तबाह कर रही है. और इसी के साथ हमास के खिलाफ इजरायली सेना अमानवीय तरीके अपना रही है. इजरायली सेना का दावा है, कि ये लोग हमास के आतंकी थे. जिन्होंने Surrender कर दिया है. जिस समय ये लोग Surrender कर रहे थे तब इनके शरीर पर सिर्फ निक्कर थी. बाकि कपड़े इजरायली सैनिकों ने उतरवा लिये थे. ऐसी तस्वीरें और वीडियो लगातार इजरायली सेना Release कर रही है. एक तस्वीर में कुछ लोगों को इजरायली सैनिक जानवरों की तरह Truck में भरकर ले जा रहे हैं. इन्हें इजरायल ने हमास आतंकी बताया है, जबकि फिलिस्तीन इन्हें आम नागरिक बता रहा है.
हमलों में कोई कमी नहीं की
शुरूआत से ही इजरायल पर ये आरोप लग रहे थे, कि इजरायली सेना के हमले में आम लोग मारे जा रहे हैं. लेकिन इजरायली सेना ने हमास के खिलाफ हमलों में कोई कमी नहीं की. लेकिन अब इजरायल युद्ध के कायदे-कानूनों से आगे बढ़कर कार्रवाई कर रहा है. अबतक इजरायली सेना गाजा में हमास के ठिकानों पर बमबारी कर रही थी. हमास आतंकियों के खिलाफ Ground Operation चला रही थी. लेकिन बीते कुछ दिनों में ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं. जिन्हें देखकर ऐसा लगता है कि इजरायल के सैनिक बौखला गए हैं.
अमेरिका के सुर भी बदल गए हैं
अबतक जो देश हमास के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई का समर्थन कर रहे थे, उनमें से कई देश इजरायल के खिलाफ होने लगे हैं. खुलकर इजरायल के साथ खड़े अमेरिका के सुर भी बदल गए हैं. दुनिया महसूस करने लगी है कि अब Netanyahu और Biden की दोस्ती में दरार आ गई है. जो अमेरिका इजरायल के हमलों को जायज बताकर उसका समर्थन कर रहा था. वो अमेरिका अब इजरायल के खिलाफ क्यों हो रहा है. इसपर हमने एक Detail Report तैयार की है. जिसे आपको जरूर देखना चाहिए.
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अमेरिका ने ना सिर्फ इजरायल का समर्थन किया, बल्कि हमास के खिलाफ हमलों के लिए हथियार तक मुहैया कराए. आर्थिक मदद भी की. लेकिन 69 दिन की जंग के बाद गाजा की तस्वीर बदल गई है, और इसी के साथ अमेरिका के सुर भी.
लेकिन इजरायल की कार्रवाई का समर्थन करने वाला अमेरिका. अब चाहता है कि इजरायल गाजा में हमलों को बंद कर दे. क्योंकि, इससे गाजा के आम लोगों को नुकसान पहुंच रहा है. जबकि ऐसा तो पहले भी हो रहा था. मतलब ये कि दो महीने तक गाजा में इजरायल की कार्रवाई अमेरिका की नज़र में सही थी, अब वही कार्रवाई जायज नहीं है. सवाल ये कि हमास के प्रति अमेरिका का ह्रदय परिवर्तन कैसे हो गया.
- इजरायल-हमास के बीच 25 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच सीजफायर हुआ था.
- इस दौरान हमास ने समझौते के तहत 105 बंधकों को छोड़ा था
- जिन बंधकों को हमास ने छोड़ा था, उनमें कई अमेरिकी बंधक भी थे
- बदले में इजरायल ने 240 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया था
- इस समय हमास की कैद में कुल 137 बंधक हैं
- इन बंधकों में 8 अमेरिका के नागरिक शामिल हैं
हमास ने अब बंधकों को छोड़ने से साफ इनकार कर दिया है, उसने शर्त रखी है कि जबतक पूरी तरह हमले नहीं रुकेंगे. बंधकों को नहीं छोड़ा जायेगा. अगर अमेरिका किसी भी हाल में अपने नागरिकों की सुरक्षित रिहाई चाहता है, क्योंकि बाइडेन पर इसके लिए दबाव बढ़ रहा है. कुछ दिन पहले ही बंधकों के परिजनों ने जो बाइडेन से मुलाकात की थी. इसलिए अमेरिका चाहता है कि इजरायल गाजा पर हमले बंद कर दे. जिससे बंधकों की रिहाई का रास्ता खुल सके.
इसी सिलसिले में अमेरिका ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन को इजरायल भेजा था, जिनकी मुलाकात इजरायल के डिफेंस मिनिस्टर से हुई. 24 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच सीजफायर के पीछे भी अमेरिका का मकसद अपने नागरिकों को रिहा कराना था. लेकिन अब इजरायल ने साफ कर दिया. कि हमास की कैद से बंधकों को छुड़ाने की कोशिशें जारी रहेंगी. लेकिन हमास के खात्मे से पहले युद्धविराम नहीं होगा.
इजरायल रुकने वाला नहीं है. इजरायल का मानना है कि हमास ने गाजा में सुरंगों का बड़ा नेटवर्क तैयार किया हुआ है, जिसे पूरी तरह नष्ट करने में वक्त लगेगा. इसलिए युद्ध लंबा खींचेगा और किसी के दबाव में इजरायल पीछे नहीं हटेगा.
इजरायल, हमास को पूरी तरह ख़त्म करने के अपने पुराने रुख पर अड़ा हुआ है, जिस वजह से उसके समर्थक देश पीछे हटने लगे हैं. भारत भी अपने तटस्थता वाले रुख पर कायम है. क्योंकि भारत समेत ज्यादातर देश चाहते हैं कि गाजा में तत्काल प्रभाव से युद्धविराम हो. आज से दो दिन पहले यानी 13 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव लाया गया था, जिसका मकसद गाजा में युद्धविराम था.
- युद्धविराम के प्रस्ताव के पक्ष में 153 देशों ने वोट किया
- जबकि इजरायल समेत कुल 10 देशों ने खिलाफ में वोट किया
- युद्धविराम के प्रस्ताव पर 23 देश वोटिंग से अलग रहे.
7 अक्टूबर के बाद इजरायल-हमास के बीच युद्धविराम को लेकर कई बार UN में प्रस्ताव लाए गए. लेकिन पहली बार ऐसा हुआ जब भारत ने युद्धविराम के पक्ष में वोट किया. इससे पहले भारत वोटिंग से दूर रहा था. इससे जाहिर है कि अब इजरायल पर Ceasefire को लेकर दबाव बढ़ेगा.