US Chemical Weapons: अमेरिका ने खत्म किया घातक हथियारों का वो जखीरा? पलभर में ले सकता था लोगों की जान!
America destroys declared chemical weapons: अमेरिका से आज पूरी दुनिया के लिए उस वक्त एक राहत भरी खबर आई जब. विश्वसनीय सूत्रों से ये कहा गया कि अमेरिका ने अपने घोषित रासायनिक हथियारों के आखिरी जखीरे को सुरक्षित एवं नियंत्रित तरीके से पूरी तरह नस्ट कर दिया है.
US destroys chemical weapons: अमेरिका ने अपने अंतिम घोषित रासायनिक हथियारों को नष्ट कर दिया है. सीनेट के रिपब्लिकन नेता मिच मैककोनेल ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा है कि अमेरिका ने मानवता की भलाई के लिए जो वायदा किया था वो पूरा कर दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने इस कार्यवाही की जानकारी देते हुए कहा, 'अमेरिका ने अपने घोषित रासायनिक हथियारों के अंतिम भंडार को नष्ट कर दिया है, जिससे प्रथम विश्व युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए गए घातक हथियारों को खत्म करने के दशकों पुराने प्रयास का अंत हो गया है.'
अमेरिका ने निभाया वादा
बाइडेन ने आगे ये भी कहा, 'रासायनिक हथियार कन्वेंशन के हिस्से के रूप में हुआ समझौता जिसे 1997 में अमेरिकी सीनेट द्वारा अनुमोदित किया गया था, जिसके तहत अमेरिका और अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं को 30 सितंबर, 2023 तक अपने रासायनिक हथियारों के भंडार को नष्ट करना जरूरी था, हमने अपने हिस्से का काम पूरा कर दिया है.'
व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान
न्यूज़ एजेंसी 'रॉयटर्स' की रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक लिखित बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के हवाले से लिखा गया है कि- 'आज मुझे यह ऐलान करते हुए गर्व हो रहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने हथियारों के भंडार में मौजूद खतरनाक हथियारों को सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया है. जिससे हम रासायनिक हथियारों की भयावहता के खतरे से मुक्त दुनिया के एक कदम और नजदीक आ गए हैं.'
आपको बताते चलें कि अमेरिका प्यूब्लो, कोलोराडो में अमेरिकी सेना प्यूब्लो केमिकल डिपो और रिचमंड, केंटकी में ब्लू ग्रास आर्मी डिपो (बीजीएडी) में अपने शेष भंडार को नष्ट कर रहा था.
गंभीर चिंता से मुक्ति
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, 1968 तक रासायनिक युद्ध एजेंटों का भंडार लगभग 40000 टन तक पहुंच गया था. इस हालिया उपलब्धि को लेकर अमेरिकी संसद में रिपब्लिकन नेता मिच मैककोनेल ने कहा, 'रासायनिक हथियार मानव हानि की कुछ सबसे भयावह घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं. हालांकि इन घातक एजेंटों का उपयोग हमेशा इतिहास पर एक दाग रहेगा, लेकिन आज हमारे देश ने अपने शस्त्रागार को इस बुराई से मुक्त कराने के अपने वादे को आखिरकार पूरा कर दिया है.'