Kabul Airport Attack के बाद गुस्से से लाल हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, कहा- `खोज-खोजकर मारेंगे’
अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले का बदला लेने की कसम खाई है. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ किया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा. पिछले कुछ दिनों से ही इस तरह के हमले की आशंका जताई जा रही थी. वहीं, ISIS ने हमले की जिम्मेदारी ली है.
वॉशिंगटन: काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका (America) बेहद गुस्से में है. राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने हमले के लिए जिम्मेदार इस्लामिक स्टेट (ISIS) को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है. अपने सैनिकों और आम अफगानियों की मौत पर भावुक हुए बाइडेन ने कहा कि ISIS को इसकी कीमत चुकानी होगी. हम इस जख्म को भूलेंगे नहीं. हम एक-एक आतंकी को खोजकर मौत के घाट उतारेंगे.
भावुक हुए President Biden
‘मिरर’ की रिपोर्ट के अनुसार, काबुल हवाईअड्डे पर गुरुवार को एक के बाद एक तीन धमाके हुए. इस हमले में 10 अमेरिकी कमांडो सहित 64 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ISIS ने ली है. जो बाइडेन (Joe Biden) ने काबुल हमले के बाद देश को संबोधित करते हुए ISIS से बदला लेने की कसम खाई. इस दौरान वह भावुक भी नजर आए. उन्होंने पहले शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी, फिर आतंकी संगठन के खिलाफ अभियान का ऐलान किया.
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‘इन मौतों की कीमत चुकानी होगी’
बाइडेन ने ISIS के लिए कहा, ‘हम माफ नहीं करेंगे. हम इस जख्म को भूलेंगे नहीं. हम खोजेंगे, शिकार करेंगे और उन्हें इन मौतों की कीमत चुकानी होगी’. राष्ट्रपति ने हमले को अफगानिस्तान में अमेरिका का सबसे बुरा दिन करार देते हुए कहा कि निर्दोष लोगों की जान लेने वालों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा. बता दें कि काबुल एयरपोर्ट पर अभी भी अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिक मौजूद हैं. 31 तालिबान ने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा करने के लिए 31 अगस्त की डेडलाइन निर्धारित की है. उसका कहना है कि यदि विदेशी सैनिक 31 तक देश छोड़कर नहीं गए, तो अच्छा नहीं होगा.
बंद नहीं होगा Rescue Operation
तालिबान ने भले ही डेडलाइन तय कर दी हो, लेकिन अमेरिका ने साफ कर दिया है कि रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा. बाइडेन ने कहा कि हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे. हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा मिशन जारी रहेगा. उन्होंने आगे कहा कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए हमलों में मारे गए अमेरिकी सर्विस के सदस्य हीरो थे. वो दूसरों के जीवन को बचाने के लिए एक खतरनाक मिशन में लगे हुए थे. वहीं, आतंकी समूह ISIS-K ने अपने टेलीग्राम अकाउंट पर काबुल हवाई अड्डे पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है.