एस.जयशंकर के पहुंचने से पहले कश्मीर मुद्दे पर नेपाल का बड़ा बयान, कहा- बातचीत ही एक रास्ता
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली का यह बयान भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर के बुधवार को नेपाल पहुंचने से पहले आया है.
काठमांडू: नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर मुद्दा बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हिमालयी राष्ट्र 'क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के पक्ष' में है. 'द काठमांडू पोस्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल सरकार ने हालांकि कश्मीर पर आधिकारिक बयान जारी करने से परहेज किया. लेकिन, ग्यावली ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान सोमवार को एक प्रश्न के जवाब में यह टिप्पणी की. मंत्री ने कहा, "नेपाल सरकार क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के पक्ष में है. विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए और हम दृढ़ता से मानते हैं कि भारत सरकार विवाद को शांतिपूर्ण रूप से सुलझाने की सूझबूझ रखती है."
ग्यावली का यह बयान भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर के बुधवार को नेपाल पहुंचने से पहले आया है. जयशंकर, नेपाल-भारत संयुक्त आयोग की 5वीं बैठक के लिए 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे. नेपाल के मंत्री की यह टिप्पणी भारत द्वारा पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निष्प्रभावी किए जाने व दो केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में बांटे जाने के बाद आई है.
ग्यावली ने दोहराया, "हम पूरी तरह से क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को लेकर प्रतिबद्ध हैं." उन्होंने कहा, "दक्षिण एशियाई क्षेत्र में कोई विवाद या अशंति को बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए." द काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर में रह रहे व कार्य कर रहे हजारों नेपालियों की स्थिति को लेकर चिंतित है.
उन्होंने कहा, "नई दिल्ली में हमारा दूतावास क्षेत्र में काम कर रहे नेपालियों की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार के संपर्क में है." जम्मू-कश्मीर के विभिन्न भागों में करीब 80,000 नेपालियों के रहने व कार्य करने का अनुमान है.