Indian Missions Abroad: अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाने वाले अपने पोस्टरों के लिए तीखी आलोचना का सामना कर रहा है लेकिन इसके बावजूद उसने स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय मिशनों का 'घेराव'  करने की धमकी दी है.  द हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एसएफजे के कानूनी वकील गुरपतवंत पन्नून ने बुधवार को एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने शनिवार, 8 जुलाई को 'खालिस्तान स्वतंत्रता रैली' आयोजित करने की योजना का जिक्र करते हुए नवीनतम धमकी दी.


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पन्नून ने कहा. 'आप बस प्रतीक्षा करें, यह एक शुरुआत है. 15 अगस्त को सिख समुदाय हर आतंकी घर यानी भारतीय दूतावास को घेरने जा रहा है.' इसके बाद वीडियो को कई नए बनाए गए हैंडलों द्वारा प्रसारित किया गया जो या तो पाकिस्तान से संचालित हो रहे थे या पाकिस्तान समर्थक प्रतीत हो रहे थे. सोशल मीडिया पर पन्नून की मौत की अफवाह फैलने के कुछ घंटों बाद, उसने बुधवार को एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि विरोध शांतिपूर्ण होगा.


भारत ने कनाडाई अधिकारियों के सामने उठाया मामला
यह मामला अब भारत द्वारा कनाडाई अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है. हालांकि, 8 जून की रैली की तरह, खतरा  कनाडा में भारत के उच्चायोग और दो वाणिज्य दूतावासों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय देशों तक भी है.


पिछले हफ्ते हुई भारतीय मिशनों पर हमलों की घटनाओं ने  चिंता को और बढ़ा दिया है. गौरतलब हैकि पिछले सप्ताह सैन फ्रांसिस्को, यूएस में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी की गई जबकि 23 मार्च को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने धुएं वाले बमों का इस्तेमाल करते हुए भारतीय उच्चायोग, ओटावा की सुरक्षा परिधि का उल्लंघन किया.


रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने कहा कि एसएफजे के खिलाफ कार्रवाई (प्रतिबंध लगाना या आतंकवादी इकाई घोषित करना) न करना, इस संगठन का हौंसला बढ़ा रहा है.


पन्नू ने भारत सरकार पर लगाया यह आरोप
पन्नून ने 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे की पार्किंग में प्रमुख एसएफजे नेता हरजीत सिंह निज्जर की 'हत्या' के लिए भारत को दोषी ठहराया. हत्या की जांच कर रही इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (आईएचआईटी) ने अभी तक इसके पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं किया है और अपराधियों की तलाश कर रही है.


भारतीय कानून प्रवर्तन के अनुसार, निज्जर कथित तौर पर खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था और उस पर आतंकवाद से संबंधित कई आरोप भी थे. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उसे पकड़ने में मदद करने वाली किसी भी जानकारी के लिए 10 लाख रुपये (12,126.94 अमेरिकी डॉलर) का इनाम देने की घोषणा भी की थी.  हालांकि,  उसके खिलाफ किसी भी आरोप का कनाडाई अदालतों में परीक्षण नहीं किया गया और एसएफजे का दावा है कि वह हिंसा में शामिल नहीं है. 


कनाडा के मंत्रियों की रही यह प्रतिक्रिया
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भारतीय अधिकारियों को दी गई धमकी को ‘अस्वीकार्य’ बताया. राष्ट्रीय रक्षा मंत्री अनीता आनंद ने ट्विटर पर कहा, ‘कनाडा इस देश में विदेशी राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जारी रखेगा - और हम इस जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हैं.’