नई दिल्ली: नॉर्थ कोरिया (North Korea) की गिनती चीन के बाद दुनिया के सबसे रहस्यमयी देश के तौर पर होती है. यहां अपने लोग हों या पराए, कौन सी खबर दुनिया को बतानी है या नहीं ये भी यहां की तथाकथित सरकार तय करती है. तथाकथित इसलिए क्योंकि यहां पर ऐसे नेता का शासन है जिसकी पहचान दुनिया एक तानाशाह के तौर पर करती है. 


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उदाहरण के लिए अल्फा बीटा हो या डेल्टा, कोरोना के प्रकोप से भले ही दुनिया हिल गई लेकिन नॉर्थ कोरिया की असली खबर किसी को नहीं पता चल सकी. यहां की सोशल मीडिया पर भी किम की सरकार का कंट्रोल है. इस वजह से हर खबर को सार्वजनिक होने से पहले ही दबा दिया जाता है. यहां पड़ोसी साउथ कोरिया (South Korea) के हेयर स्टाइल को कॉपी करने की मनाही के साथ वहां के गीत-संगीत यानी म्यूजिक पर बैन की खबरों के अलावा एक नया अपडेट दुनिया के सामने आया है. 


गाली बकी तो खैर नहीं!


खबर है कि देश के तानशाह किम जोंग उन ने फरमान जारी किया है कि अगर कोई भी युवा इस देश में उन गालियों का इस्तेमाल करते पकड़ा गया, जिसे साउथ कोरिया के युवा देते हैं, तो पकड़े जाने पर आरोपी शख्स को इसके भयानक नतीजे भुगतने होंगे. यानी गाली देते पकड़े जाने पर युवाओं को जेल से लेकर फांसी तक की सजा भी सुनाई जा सकती है. बीबीसी में प्रकाशित खबर के मुताबिक गाली देने या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर लोगों को जान से हाथ धोना पड़ सकता है.


पहले से लागू है अजबोगरीब कानून


नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच दुश्मनी दशकों पुरानी है. जो चीज साउथ कोरिया में हिट है वो यहां अनफिट है. इस लिस्ट में गालियां भी शामिल कर दी गई हैं. ऐसे में अगर किसी युवा को किसी भी तरह की गालियों का इस्तेमाल करते पकड़ा गया तो बदले में उन्हें जेल या मौत की सजा भुगतनी होगी. यहां बिना इजाजत देश छोड़ने पर फौरन गोली मार दी जाती है. अगर किसी ने नॉर्थ कोरिया से साउथ कोरिया की ओर भागने की कोशिश की तो अंजाम और भी बुरा होता है.



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भारत से लगभग पांच हजार किलोमीटर दूर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम ने 11 दिनों के लिए अपने देश के नागरिकों के हंसने, खुशी मनाने और शराब का सेवन करने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है. ये प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि वर्ष 2011 में दिसंबर के महीने में उनके पिता किम जॉन्ग-इल का देहांत हुआ था. यानी उनकी 10वीं पुण्यतिथि पर उत्तर कोरिया में शोक का माहौल रहे, इसके लिए तानाशाह ने लोगों के हंसने पर ही पाबंदी लगा दी.


देश में राष्ट्रीय शोक 


विश्लेषकों का कहना है कि किम जोंग उन के शासन की दीर्घकालिक स्थिरता पर तब भी सवाल उठाया जा सकता है अगर वह मौजूदा कठिनाइयों को दूर करने और लोगों के जीवन में सुधार करने के लिए कदम उठाने में विफल रहते हैं. शुक्रवार की दोपहर में तीन मिनट के लिए सायरन बजने पर उत्तर कोरिया के लोगों ने मौन रखा और किम जोंग इल के सम्मान में सिर झुकाया. कारों, ट्रेनों और जहाजों ने अपने हॉर्न बजाए, राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया. किम जोंग इल और किम इल सुंग की विशाल मूर्तियों के सामने फूल चढ़ाने और नमन करने के लिए लोग प्योंगयांग के मानसू पर्वत पर गए.


अपने पिता की मौत के बाद से नॉर्थ कोरिया के शीर्ष पद पर किम को सत्ता संभाले 10 साल हो चुके हैं उसे अपने पिता और दादा की तरह पूरी ताकत हासिल है. अमेरिका से टकराव की वजह से यहां की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के बावजूद यहां राजनीतिक अस्थिरता का कहीं कोई नामो निशान नहीं दिखता है. 


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