King Charles III Coronation: ब्रिटेन (Britain) में राजशाही, राजपरिवार और राजमहल हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है. 200 वर्षों तक भारत समेत दुनिया के कई देशों पर राज करने वाले इस परिवार का वर्चस्व आज भी कायम है. 6 मई यानी आज दुनिया की नजर ब्रिटेन पर होगी. जब लंदन के वेस्टमिंस्टर ऐबी में ब्रिटिश रॉयल फैमिली (British Royal Family) के नए किंग चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी होगी. इस ताजपोशी के साथ ही प्रिंस चार्ल्स आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन के राजा बन जाएंगे. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की उम्र में 8 सितंबर 2022 को निधन हुआ था. शाही परिवार के नियम के मुताबिक, राजघराने की बागडोर सबसे वरिष्ठ सदस्य के हाथ में दी जाती है, लेकिन यह वरिष्ठता क्रम, उनकी उम्र से नहीं वंशानुक्रम से तय होता.


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प्रिंस चार्ल्स की ऐतिहासिक ताजपोशी


रॉयल फैमिली का इतिहास भी बहुत रॉयल रहा है. इसलिए प्रिंस चार्ल्स की ताजपोशी भी ऐतिहासिक होगी. ऐसा आयोजन 70 वर्षों बाद होने जा रहा है, इससे पहले ऐसी शाही परंपरा आखिरी बार 1953 में दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के लिए हुई थी. ब्रिटेन में सम्राट की ताजपोशी की प्रक्रिया पिछले लगभग एक हजार साल से एक जैसी ही है. यानी इसमें कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. ब्रिटेन के सम्राट का राज्याभिषेक, यूरोप में अब ऐसा इकलौता समारोह है, जो अभी तक जारी है. अब आपके जहन में ये सवाल आ रहा होगा कि ब्रिटेन में राज्याभिषेक होता क्या है.


शाही पोशाक में नजर आएंगे ब्रिटेन के नए राजा


बता दें कि राज्याभिषेक एक समारोह है जिसमें सम्राट को औपचारिक तौर पर ताज पहनाया जाता है. ये समारोह पहले राजा या रानी की मौत के शोक का वक्त पूरा होने के बाद होता है. ब्रिटेन में राज्याभिषेक को एक धार्मिक आयोजन माना जाता है जिसे ब्रिटेन में एक उत्सव की तरह मनाया जाता है. पिछले 900 वर्षों से राज्याभिषेक समारोह वेस्टमिंस्टर ऐबी में आयोजित हो रहा है. इस बार भी ये परंपरा वेस्टमिंस्टर ऐबी में ही निभाई जाएगी. राज्याभिषेक समारोह में नए सम्राट को शाही सामग्री और ताज पहनाया जाता है. कल होने वाले इस राज्याभिषेक कार्यक्रम में किंग चार्ल्स और उनकी पत्नी महारानी कैमिला को ताज पहनाया जाएगा. किंग चार्ल्स, राज्याभिषेक के समय शानदार शाही पोशाक पहनेंगे. रॉयल फैमिली की कुछ पोशाक तो ऐसी हैं, जिनका डिजाइन सदियों पुराना है.


5 चरण में पूरी होगी ताजपोशी की प्रक्रिया


सम्राट चार्ल्स के राज्याभिषेक का कार्ड एंड्यू जैमिसन ने डिजाइन किया है, जिसमें लोक कथाओं के किरदार 'ग्रीन मैन' को आइवी हॉथोर्न और शाहबलूत की पत्तियों के साथ उकेरा गया है. इसी कार्ड से दुनिया भर के मेहमानों को निमंत्रण भेजा गया है. वैसे ब्रिटेन के इतिहास में जब जब राज्याभिषेक समारोह हुआ है, उसमें हमेशा ताजपोशी के लिए एक प्रक्रिया अपनाई गई है. आज हम सरल शब्दों में स्टैप बाए स्टैप आपको इस प्रक्रिया के बारे में बताएंगे है. इनमें पहला चरण है मान्यता देना. नया सम्राट, ताजपोशी में इस्तेमाल होने वाली 700 वर्ष पुरानी कुर्सी के बगल में खड़ा होता है. कैंटरबरी के आर्कबिशप उन्हें वेस्टमिंस्टर ऐबी में मौजूद लोगों के सामने लेकर आते है. जहां पहले से खड़े लोग नारा लगाते है, 'ईश्वर सम्राट की रक्षा करें' इसके बाद तुरही बजाई जाती है.


तीसरा चरण में होगा राजतिलक


दूसरा चरण है शपथ लेना. इसके बाद सम्राट कानून और चर्च ऑफ ब्रिटेन को कायम रखने की शपथ लेते हैं. तीसरा चरण राजतिलक का होता है. सम्राट को राजतिलक वाली कुर्सी पर बैठाया जाता है और कुर्सी के चारों तरफ सुनहरे कपड़े का घेरा बनाया जाता है, जिससे सम्राट लोगों को दिखाई न दें. इसके बाद कैंटरबरी के आर्कबिशप, सम्राट के हाथों, सीने और सिर पर पवित्र तेल से अभिषेक करते हैं. इस तेल को ग़ुलाब, चमेली और दालचीनी के तेल के अलावा व्हेल के पेट में मिलने वाले सुगंधित मोम को मिलाकर तैयार किया जाता है.


जब सिंहासन पर बैठेंगे ब्रिटेन के नए राजा


चौथा चरण होता है अभिषेक का. इस चरण में सम्राट को एक राजदंड दिया जाता है, जो उनकी शक्ति का प्रतीक होता है. इसी चरण में कैंटरबरी के आर्कबिशप, सम्राट के सिर पर संत एडवर्ड का ताज पहनाते हैं. अगला चरण है सिंहासन पर विराजना और निष्ठा प्रकट करना. इसके बाद सम्राट ताजपोशी की कुर्सी से उठकर सिंहासन पर बैठते हैं और कैंटरबरी के आर्कबिशप उन्हें वेस्टमिंस्टर ऐबी में मौजूद लोगों के सामने लेकर आते है. जिसके बाद एक बार फिर वहां खड़े लोग नारा लगाते है, 'ईश्वर सम्राट की रक्षा करें'. इसके बाद तुरही बजाई जाती है.


दुल्हन की तरह सजा लंदन


प्रिंस चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक के लिए लंदन दुल्हन की तरह सजा है. 70 सालों बाद ब्रिटेन में नए सम्राट की ताजपोशी हो रही है. ये समारोह एतिहासिक भी होगा और बेहद शानदार भी. चार्ल्स तृतीय के इस राज्याभिषेक कार्यक्रम पर पूरी दुनिया की नजर टिकी है. लंदन, दुल्हन की तरह सज रहा है. चारों तरफ ब्रिटेन के झंडे लहरा रहे है. ब्रिटेन की राजधानी लंदन की हर सड़क अपने नए सम्राट का स्वागत करने के लिए तैयार हो रही है. लंदन में एक ऐसे त्योहार को मनाने की भव्य तैयारी है जो 70 साल बार आ रहा है.


कल लंदन के वेस्टमिंस्टर ऐबी में ब्रिटिश रॉयल फैमिली के नए किंग चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी होगी लेकिन उससे पहले यहां हर चेहरा खिला हुआ है. चारों तरफ खुशियां बिखरी हुई हैं. हर कोई इस मौके को जी लेना चाहता है. आखिर ब्रिटेन को नया किंग जो मिलने जा रहा है. पिछले कई दिनों से लंदन की सड़कों पर रिहर्सल हो रही है. हालांकि, 1953 में महारानी एलिजाबेथ की ताजपोशी की तुलना में सम्राट चार्ल्स के राज्याभिषेक का कार्यक्रम छोटा और कम समय का होगा. राज्याभिषेक का जुलूस भी पहले की तरह बहुत ग्रैंड नहीं होगा लेकिन फिर भी लंदन में इतिहास अपने आप को दोहराएगा.


जान लें कि सम्राट चार्ल्स और महारानी कैमिला, घोड़े से चलने वाली बग्घी में बैठकर वेस्टमिंस्टर एबे जाएंगे. ये बग्घी एयर कंडीशन समेत तमाम सुविधाओं से लैस है. इस बग्घी का सबसे पहले इस्तेमाल 2014 में किया गया था. ताजपोशी के बाद सम्राट चार्ल्स और महारानी कैमिला, गोल्ड स्टेट कोच में बैठकर राजमहल वापस आएंगे. ये बग्घी 1830 के बाद से हर राज्याभिषेक में इस्तेमाल होती रही है. रॉयल फैमिली के इस रॉयल कार्यक्रम में सम्राट चार्ल्स, शाही पोशाक पहनेंगे. इस पोशाक का भी अपना इतिहास है जो इसे ब्रिटेन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराता है.


ताजपोशी के भव्य समारोह में 2 हजार से ज्यादा मेहमान शिरकत करेंगे. चार्ल्स के राज्याभिषेक की खबर सुनकर इस शाही परिवार को चाहने वाले देश ही नहीं, दुनियाभर से सफर करके लंदन पहुंच रहे हैं. इसमें कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस समेत कई देशों से आने वाले मेहमान शामिल हैं. इसके अलावा कई देशों के राजनेता, कई देशों के राजपरिवार के सदस्य और बॉलीवुड-हॉलीवुड सेलेब्रेटी भी शामिल होंगी. अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडेन अमेरिका का प्रतिनिधित्व करेंगी. चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज भी शामिल होंगे.


समारोह में टॉम क्रूज और केटी पेरी भी शामिल होंगी. 'मैन वर्सेस वाइल्ड' के होस्ट बेयर ग्रिल्स भी कार्यक्रम में पहुचेंगे. बॉलीवुड अभिनेत्री सोनम कपूर इस इवेंट में चार चांद लगाती दिखेंगी. ताजपोशी के लिए ब्रिटेन ने शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित किया था, लेकिन उनके स्थान पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कार्यक्रम में शामिल होंगे. ब्रिटेन के शाही परिवार का वैभवशाली इतिहास रहा है. कल एक बार ब्रिटेन की राजगद्दी पर नया सम्राट बैठेगा जिनके कंधों पर ही इस विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी होगी.


गौरतलब है कि प्रिंस चार्ल्स की ताजपोशी का ये कार्यक्रम ऐसे वक्त में हो रहा है जब ब्रिटेन की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के बहुत अच्छे हालात नहीं है. ऐसे समय में सुनक सरकार का चार्ल्स की ताजपोशी पर एक हजार करोड़ खर्च करना ब्रिटेन के लोगों को पसंद नहीं आ रहा है. प्रिंस चार्ल्स की ताजपोशी का कार्यक्रम भी इस शाही फैमिली की ही तरह ग्रैंड होगा. किंग चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक पर लगभग 1,025 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होने का अनुमान है. राज्याभिषेक का पूरा खर्च ब्रिटिश सरकार उठाएगी, क्योंकि शुरू से ही सरकार इस खर्चे को वहन करते आ रही है. 1,025 करोड़ रुपए की ये राशि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के 1953 के राज्याभिषेक में, उस वक्त ब्रिटिश सरकार ने 15 करोड़ 42 लाख रूपये खर्च किए थे.


ब्रिटेन में एक तबका ऐसा भी है, जो राजशाही के समर्थन में तो है लेकिन बेहद सीमित तरीके से. इस तबके की मांग रही है कि ब्रिटेन में राजा और रानी और उनके बच्चों तक ही राजशाही की प्रथा को सीमित होना चाहिए. ब्रिटेन को दर्जनभर राजकुमार और राजकुमारियों की जरूरत नहीं है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, रॉयल फैमिली ने जून 2022 में बताया कि 2021-22 में ब्रिटेन के शाही परिवार पर वहां की जनता के टैक्स के 10.24 करोड़ पाउंड, यानी करीब 940 करोड़ रुपए खर्च हुए. ब्रिटेन में राजपरिवार पर खर्च होने वाले पैसे को सोवरेन ग्रांट या संप्रभु अनुदान कहा जाता है. ब्रिटेन की 6 करोड़ 73 लाख की आबादी में से हर नागरिक को सोवरेन ग्रांट यानी राजघराने पर करीब 120 रुपए खर्च उठाना पड़ता है.


सॉवरेन ग्रांट का इस्तेमाल राजा-रानी और उनके घर के काम, आधिकारिक शाही यात्राओं और शाही महलों के रखरखाव जैसे कामों में किया जाता है. इसी वजह से कई लोग राजशाही को खत्म करने की मांग भी कर रहे हैं. ब्रिटेन में समय समय पर इसको लेकर बहस भी होती रही है कि जब देश का नागरिक टैक्स दे रहा है जो राजपरिवार को इससे छूट क्यों है. ब्रिटेन में राज परिवार के विरोध की एक और वजह है और वो है इनहेरिटेंस टैक्स या उत्तराधिकार टैक्स. हर ब्रिटिश नागरिक को उस संपत्ति पर 40 प्रतिशत का उत्तराधिकार टैक्स देना होता है, जिसकी कीमत 3.25 लाख, पाउंड यानी करीब 30 करोड़ रुपए से ज्यादा हो, लेकिन किंग चार्ल्स को अपनी मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से विरासत में मिली संपत्ति पर एक भी पैसे का टैक्स नहीं देना पड़ा.


1993 में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री जॉन मेजर और राजपरिवार के बीच एक समझौता हुआ. उसी समझौते के तहत राजा से उनके उत्तराधिकारी के पास जाने वाली संपत्ति पर विरासत टैक्स नहीं लगता. लेकिन राजपरिवार को मिली इस विशेष छूट को ब्रिटेन का एक तबका अपने साथ भेदभाव बताता है. ये तबका इसे राजपरिवार पर खर्च हो रहे पैसे की बर्बादी बताता है. ब्रिटेन के लोगों के सामने आज सबसे बड़ी चुनौती ये है कि वो अपना घर कैसे चलाएं. बढ़ती महंगाई के चलते रोज का घर खर्च बढ़ रहा है. लेकिन इसके बावजूद यहां सम्राट की ताजपोशी पर 1 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च हो रहे हैं जो लोगों की नाराजगी का कारण बन रहा है.


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