Abdullah Al Barghouti: जानें कौन हैं मारवान अल बरगौती? इजराइल के जेल में 21 साल से बंद कैदी बनेगा फिलिस्तीन का राष्ट्रपति!
Israel Hamas- Gaza: इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के बीच एक नाम चर्चा में है. आइए जानते हैं कौंन हैं नेता मारवान अल-बरगौती. जिनको हमास इजराइल की जेल से 21 साल बाद कराना चाहता है रिहा.
Israel Hamas Ceasefire Updates: इजरायल और हमास के बीच चल रहे भीषण युद्ध का अब तक कोई परिणाम नहीं निकला है. दोनों देश अपने जिद पर अड़े हैं. अमेरिका ने इस जंग को रोकने की कोशिश की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इजराइल हमास को पूरी तरह खत्म करने पर अड़ा है तो हमास इजराइल को गाजा छोड़ने के जिद पर अड़ा है. इन्हीं कश्कमश के बीच दोनों देशों के बीच जंग जारी है. रमजान के पहले दोनों के बीच चार सप्ताह का सीजफायर होने की बात कही जा रही थी. इन्हीं बातचीत के बीच एक नाम मारवान अल-बरगौती को सुर्खियों में ला दिया है. इजराइली मीडिया के अनुसार, हमास इजरायल के साथ किसी भी बंधक अदला-बदली समझौते में तीन शीर्ष फिलिस्तीनी नेताओं की रिहाई की मांग कर सकता है. जिसमें एक नाम मारवान अल-बरगौती का भी है.
जानें कौन हैं मारवान अल-बरगौती
हमास जिद पर अड़ा है कि इजरायल गाजा शहर पर हमले पूरी तरह से रोक दे और उसकी जेल में बंद फिलिस्तीनियों की रिहाई सुनिश्चित करे. हमास ने कैदियों की रिहाई में मारवान अल-बरगौती की पैरवीं की है, यह फतह आंदोलन करने वाले अग्रणी नेताओं में एक हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वह अगले फिलिस्तीनी राष्ट्रपति हो सकते हैं.
15 साल की उम्र में फतह आंदोलन में हुए शामिल
इजराइली अखबार मारिव के अनुसार, मार्च 2003 में इजरायली विशेष बलों ने बरगौती का अपहरण कर लिया, जब वह अपनी इकलौती बेटी को वेस्ट बैंक के अल-बिरेह शहर के एक फिलिस्तीनी अस्पताल में इलाज के लिए ले जा रहा थे.इजराइली जेल प्रशासन को जानकारी मिली थी कि मारवान अल-बरगौती पश्चिमी जॉर्डन में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे थे. और इसके बाद से इजराइल ने उन्हें एकांत कारावास में डाल दिया. मारवान अल-बरगौती ने 15 साल की उम्र में फतह आंदोलन में शामिल होकर अपनी राजनीतिक गतिविधियां शुरू कीं थी. तब यासिर अराफात फतह आंदोलन के प्रमुख थे. जैसे-जैसे उनका राजनीतिक करियर आगे बढ़ा, उन्होंने फिलिस्तीनी संघर्ष के लिए अपना संघर्ष बढ़ाया.
मारवान अल-बरगौती 2002 से जेल में हैं बंद
मारवान अल-बरगौती ने 2002 में अमेरिकी अखबार "वाशिंगटन पोस्ट" में लिखा था कि मैं और फतह आंदोलन इजरायल के अंदर नागरिकों (आम लोगों) को निशाना बनाने के सख्त खिलाफ हैं. लेकिन मुझे अपनी रक्षा करने, अपनी मातृभूमि पर इजराइली कब्जे का विरोध करने और अपनी आजादी के लिए लड़ने का अधिकार है. बीबीसी अरबी की रिपोर्ट के अनुसार कि मारवान अल-बरगौती जो 2002 से इजरायली जेल में हैं, अगर हमास और इजरायल में कोई समझौता होता है तो फिलिस्तीनी प्राधिकरण की बागडोर संभालने और अगली सरकार बनाने के लिए हमास के सबसे पसंदीदा विकल्प हो सकते हैं. जो राष्ट्रपति बन सकते हैं.
हमास तीन कैदियों को करवाना चाहता है रिहा
येदिओथ अहरोनोथ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार हमास इस बात पर जोर दे रहा है कि इजराइल की जेल में बंद मारवान अल-बरगौती, अहमद सआदत और अब्दुल्ला बरगौटी को रिहा किया जाए. फ़िलिस्तीनी जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, फतह की केंद्रीय समिति के सदस्य, 64 वर्षीय मारवान अल-बरगौती राष्ट्रपति महमूद अब्बास के बाद रामल्लाह स्थित फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण की अध्यक्षता के लिए सबसे पसंदीदा हैं. उन्हें 2002 में इज़राइल द्वारा गिरफ्तार किया गया था और पांच आजीवन कारावास की सजा दी गई थी.
पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन (पीएफएलपी) के महासचिव सादात को 2001 में इजरायली पर्यटन मंत्री रेहवाम ज़ेवी की हत्या के सिलसिले में 2008 में गिरफ्तार किया गया था और 30 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.
इजराइल का अब तक नहीं आया जवाब
अब्दुल्ला बरगौटी हमास के एक शीर्ष नेता हैं और उन्हें इजरायलियों के खिलाफ कई हमलों के लिए कई आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. रिपोर्ट पर इजराइल सरकार का कोई जवाब नहीं आया है. पिछले महीने गाजा में एक सप्ताह के लिए मानवीय आधार पर जंग रोक दी गई थी.
20,000 फिलिस्तीनी मारे गए
इस दौरान हमास ने 240 फिलिस्तीनियों के बदले में 81 इजरायलियों और 24 विदेशियों को रिहा किया था. जिनमें 71 महिलाएं और 169 बच्चे शामिल थे. 7 अक्टूबर को सीमा पार हमले के बाद गाजा पट्टी में हमास द्वारा लगभग 130 इजरायलियों को बंदी बना लिया गया है.
एन्क्लेव में स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, हमास के हमले के बाद से इज़राइल के गाजा पट्टी पर हमला किया है, जिसमें लगभग 20,000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं, और 52,586 घायल हैं.