Lai Ching-Te: ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) के उम्मीदवार लाई चिंग-ते (विलियम लाई) ने जीत हासिल की है. जिसके बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को गहरा झटका लगा है. लाइ ने कुओमितांग पार्टी होउ यू-इह और ताइवान पीपुल्स पार्टी के को वेन-जे को हराया है. इन आए नतीजों ने चीन के सपनों को चकनाचूर कर दिया है. चीन समर्थक उम्मीदवार की इस चुनाव में करारी हार हुई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 


बता दें कि चीन लाइ चिंग-ते को खतरनाक अलगाववादी मानता है. चीन ने कई बार उनकी निंदा भी की है. लाई चिंग-ते को विलियम ली के नाम से भी जाना जाता है और वे चीन के कट्टर दुश्मन हैं.



मतदान स्थानीय समयानुसार शनिवार यानी (13 जनवरी ) को सुबह आठ बजे शुरू हुआ और करीब आठ घंटे बाद शाम चार बजे समाप्त हो गया था. जिसमें ताइवान की मुख्य विपक्षी पार्टी कुओमितांग (KMT) के उम्मीदवार होउ यू-इह ने इस चुनाव में हार स्वीकार कर ली है. वहीं ताइवान की लाइ की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की है. लाइ चिंग ते की पार्टी चीन के क्षेत्रीय दावों को खारिज करती है. यह पार्टी लगातार तीसरे कार्यकाल की मांग कर रही थी. लाइ को राष्ट्रपति पद के लिए दो विरोधियों  केएमटी के होउ और छोटे ताइवान पीपुल्स पार्टी के पूर्व ताइपे मेयर को वेन-जे का सामना करना पड़ रहा था, जिसकी स्थापना 2019 में ही हुई थी. 



मतदान से पहले दक्षिणी शहर ताइवान में पत्रकारों से बात करते हुए लाइ ने लोगों को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया, उन्होंने कहा, कि "प्रत्येक वोट मूल्यवान है, क्योंकि यह ताइवान का कड़ी मेहनत से अर्जित लोकतंत्र है.



कौन हैं विलियम लाई
विलियम लाई का आधिकारिक नाम लाई चिंग-ते है. वह एक पूर्व चिकित्सक भी हैं. लाई खुद को "ताइवान की स्वतंत्रता के लिए व्यावहारिक कार्यकर्ता" बताते हैं. वह संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य उदार लोकतंत्रों के साथ संबंधों को मजबूत करने के पक्षधर हैं. उन्होंने 2003 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की है. नेशनल फिजिशियन सपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में सेवा करने के बाद, लाई ने 1996 के विधायी युआन चुनाव में भाग लिया और जीत हासिल की. लगातार चार बार चुनाव जीतने के बाद लाई ने 2010 में ताइनान के मेयर पद के लिए किस्मत आजमाई और जीत हासिल की. 



बताया जा रहा है, कि उम्मीदवारों ने शुक्रवार यानी (12जनवरी) रात को अपना प्रचार अभियान किया. तैनान में भाषण देते वक्त लाई ने बताया कि उन्होंने 1996 में पहले राष्ट्रपति चुनाव से पूर्व ताइवानी मतदाताओं को डराने-धमकाने के इरादे से चीन के मिसाइल परीक्षण और सैन्य अभ्यासों के कारण सर्जन के रूप में अपना करियर छोड़ दिया था. उन्होंने कहा, ‘‘मैं ताइवान में अभी-अभी शुरू हुए लोकतंत्र की रक्षा करना चाहता था. मैंने मोटी तनख्वाह वाली अपनी नौकरी छोड़ दी और लोकतंत्र में अपने बड़ों के पदचिह्नों पर चलने का फैसला किया. 


 


अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने चुनाव के तुरंत बाद द्वीपीय देश में पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों वाला एक अनौपचारिक प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बनायी है. यह कदम बीजिंग और वाशिंगटन के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की कोशिशों में बाधा पैदा कर सकता है. जो कि हाल के वर्षों में व्यापार, कोविड-19, ताइवान के लिए अमेरिका के समर्थन और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण तनावपूर्ण हैं. चीन के साथ तनाव के अलावा ताइवान का चुनाव काफी हद तक घरेलू मुद्दों पर निर्भर करता है, खासतौर से अर्थव्यवस्था पर जो पिछले साल महज 1.4 प्रतिशत बढ़ी है.