Israel-Palestine: इजरायल और हमास का युद्ध जारी है. इन सबके बीच एक चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है. हमास ने इजरायल  पर हमले के लिए जिन रॉकेट का इस्तेमाल किया है वो चीनी राकेट से काफी मिलते जुलते हैं. हिज़्बुल्लाह भी ऐसे राकेट का इस्तेमाल करता है. आशंका है कि हमास की तरफ से हमले के लिए इस्तेमाल रॉकेट का स्टील चीन का बना हो सकता है. इतना ही नहीं हमास ने हमले के लिए जिन पैराग्लाइडर का इस्तेमाल किया है वो भी चीन में बनने वाले पैराग्लाइडर से काफी मिलते जुलते हैं.


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चीनी कम्युनिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल?
दरअसल, इजरायल पर हुए हमले के बारे में सुरक्षा जानकारों का कहना है कि हमले के दौरान सेक्यूर कम्युनिकेशन के लिए भी हमास ने चीनी कम्युनिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया है. हमले की जगह चीन के बने मोबाइल फ़ोन मिले हैं जिसमें हाइली encrypated कम्युनिकेशन सिस्टम मिला है. यही वजह है कि हमास के हमले का प्लान को वेस्टर्न Intelligence एजेंसियां पता लगाने में नाकाम हो गई हैं. इसके अलावा सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा ऐसी संभावना जताई गई है कि हमास के पास जो मोर्टार हैं, मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टमहै, इनके निर्माण में भी चीन की कंपनी शामिल है.


हमास को चीन का फुल सपोर्ट?
फिलहाल जल्द ही इस बात से पर्दा उठ जाएगा और विशेषज्ञ इस बारे में पता लगा लेंगे. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पिछले दिनों तो यह भी बताया गया कि हमास को चीन का फुल सपोर्ट हासिल है. शी जिनपिंग के ऑफिस तक हमास का डायरेक्ट कॉन्टैक्ट है. इजराइल पर सबसे बड़े हमले से पहले भी हमास के एक बड़े आतंकी ने शी जिनपिंग के ऑफिस से संपर्क किया था. हालांकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं हो पाई है.


बता दें कि यह युद्ध तब शुरू हुआ जब बीते 7 अक्टूबर को फिलिस्तीन आर्म्स ग्रुप हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल पर रॉकेट हमलों की झड़ी लगा दी थी. हमास ने हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए इसे इसे इजरायल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बताया. इसके बाद जो हुआ वह दुनिया ने देखा. इजरायल ने हमास पर जोरदार पलटवार शुरू किया. इस युद्ध में दोनों तरफ से लोगों की जानें जा रही हैं, जो बेहिसाब हैं और उनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.