इस्लामाबाद: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई ने पाकिस्तान में 12 स्कूलों को जलाये जाने की निंदा की है जिसमें से आधे बालिका विद्यालय हैं. मलाला ने कहा है कि ‘‘अतिवादियों’’ ने दिखाया है कि ‘‘शिक्षित लड़की’’ से उन्हें सबसे अधिक भय लगता है. स्कूल पाकिस्तान के गिलगिट बाल्टिस्तान में शुक्रवार देर रात अज्ञात हमलावरों के समन्वित हमलों में जलाये गए. इसको लेकर स्थानीय निवासियों ने प्रदर्शन किया और शैक्षिक संस्थानों की सुरक्षा की मांग की. पुलिस ने इस संबंध में 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गिलगिट बाल्टिस्तान सरकार के प्रवक्ता फैजुल्लाह फिराक ने कहा कि छह व्यक्तियों को हाल में गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार को पहले ही गिरफ्तार किया गया था. इससे इस मामले में गिरफ्तार हुए व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. प्रवक्ता ने बताया कि संदिग्धों से दारूल तंगीर पुलिस थाने में पूछताछ की जा रही है. 


 



 


मलाला ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘अतिवादियों ने दिखा दिया है कि वे एक शिक्षित लड़की से सबसे अधिक डरते हैं.’’ उन्होंने गिलगिट से 130 किलोमीटर दूर चिलास नगर में क्षतिग्रस्त हुए स्कूलों के पुनर्निर्माण का आह्वान किया. मलाला ने लिखा, ‘‘हमें इन स्कूलों का तत्काल पुनर्निर्माण करना चाहिए और छात्रों को उनके कक्षाओं में वापस लाना चाहिए. हमें विश्व को यह दिखाना चाहिए कि प्रत्येक लड़की और लड़के को शिक्षा का अधिकार है.’’ 


इमरान खान ने भी इसकी निंदा की, जिनके पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनने की संभावना है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जीबी में विद्यालयों को जलाया जाना निंदनीय है जिसमें से आधे बालिका विद्यालय हैं. यह अस्वीकार्य है और स्कूलों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे क्योंकि हम शिक्षा विशेष तौर पर बालिकाओं की शिक्षा पर ध्यान देने को प्रतिबद्ध हैं जो कि नया पाकिस्तान का महत्वपूर्ण हिस्सा है.’’ इस बीच गिलगिट बाल्टिस्तान के मुख्य सचिव बाबर हयात तरार ने आज स्कूलों का दौरा किया और अधिकारियों को इमारतों की मरम्मत करने का निर्देश दिया. 


(इनपुट-भाषा)