Israel Iran News: 'भारत दुनिया के लिए वरदान और ईरान है अभिशाप', UN में ऐसा क्यों बोले नेतन्याहू
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Israel Iran News: 'भारत दुनिया के लिए वरदान और ईरान है अभिशाप', UN में ऐसा क्यों बोले नेतन्याहू

Israel Iran News in Hindi: इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने यूएन में भाषण देते हुए भारत को दुनिया के लिए वरदान और ईरान को अभिशाप बताया है. उनके ऐसा कहने का मतलब क्या है. अब इस मुद्दे पर बहस चल रही है.

Israel Iran News: 'भारत दुनिया के लिए वरदान और ईरान है अभिशाप', UN में ऐसा क्यों बोले नेतन्याहू

Israeli PM Benjamin Netanyahu speech in UN: जंगों से उलझी दुनिया में जब हर देश दूसरे को मरने- मारने पर आमादा दिख रहा है. वहीं भारत अपनी सामरिक, आर्थिक और कूटनीतिक ताकत का इस्तेमाल करते हुए देश का प्रभाव बढ़ाने में जुटा है. दुनिया को एकसूत्र में जोड़ने वाली 'वसुधैव कुटुंबकम' की नीति अब विश्व को भी पसंद आने लगी है और वे इसके लिए खुलकर भारत की प्रशंसा कर रहे हैं. हमास और हिजबुल्लाह जैसे आतंकी संगठनों के साथ आर-पार की जंग लड़ रहे इजरायल ने भी जमकर भारत की सराहना की है और उसे दुनिया के लिए वरदान बताया है. 

भारत दुनिया के लिए आशीर्वाद और ईरान है अभिशाप- नेतन्याहू

न्यूयार्क में चल रहे संयुक्त राष्ट्र संघ के सालाना सम्मेलन में बोलते हुए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को नक्शे दिखाए. इनमें एक नक्शे में भारत को 'आशीर्वाद' और ईरान को 'अभिशाप' के रूप में दिखाया गया. नेतन्याहू ने जिस नक्शे को दिखाकर भारत को दुनिया के लिए आशीर्वाद बताया, वह प्रस्तावित भारत, मध्य पूर्व, इजरायल, यूरोप कॉरिडोर था.

इस कॉरिडोर को बनाने का प्रस्ताव भारत में हुए जी- 20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने रखा था, जिसे आम सहमति से पास कर दिया गया था. इस कॉरिडोर के तहत भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इजरायल यूरोप के देश एक नए व्यापार मार्ग के जरिए आपस में जुड़ जाएंगे. यह रूट महासागर और जमीनी रास्ते से होकर गुजरेगा. इस कॉरिडोर के बनने से स्वेज नहर पर दुनिया की निर्भरता खत्म हो जाएगी और यूरोप- एशिया के बीच कम समय और कम खर्च में चीजों का आयात- निर्यात हो सकेगा.  

यूएन में नेतन्याहू ने दिखाए दो नक्शे

वहीं इजरायली पीएम ने एक दूसरा नक्शा भी दिखाया, जिसे उन्होंने दुनिया के लिए 'अभिशाप' कहकर संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यह नक्शा आतंक का एक बड़ा कोण है, जिसे ईरान ने भूमध्य सागर और हिंद महासागर के बीच बनाया है और लागू किया है. 

खास बात ये रही कि नेतन्याहू ने जो दोनों नक्शे दिखाए, उनमें वेस्ट बैंक, गाजा और सीरिया के गोलान हाइट्स के फिलिस्तीनी क्षेत्रों को भी इज़रायल के हिस्से के रूप में दिखाया गया था. एक्सपर्टों के मुताबिक इन मानचित्रों के जरिए नेतन्याहू ईरान को आतंकवाद का केंद्र बताते हुए दुनिया को उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाने और उसे परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए इजरायल के साथ आने की अपील कर रहे थे. 

'अब ईरान का तुष्टिकरण बंद होना चाहिए'

अपने भाषण के दौरान, नेतन्याहू ने बेबाकी से कहा, 'दुनिया लंबे वक्त से ईरान का तुष्टीकरण करती आ रही है. उसने ईरान में जनता पर हो रहे उत्पीड़न पर भी अपनी आंखें मूंद ली हैं. उसने उसकी बाहरी आक्रामकता पर भी आंखें बंद की हुई हैं. यह तुष्टिकरण अब हर हाल में खत्म होना चाहिए.' 

ईरान को सीधी धमकी देते हुए नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, 'मेरे पास तेहरान के अत्याचारियों के लिए एक संदेश है. यदि आप हम पर हमला करते हैं, तो हम आप पर हमला करेंगे. ईरान में ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां पर हमारी लंबी भुजाएं न पहुंच सकती हों. यह बात पूरे मध्य पूर्व के लिए सच है.'

दोनों देशों के बीच लंबे वक्त से जारी है अदावत

बता दें कि ईरान और इजरायल के खिलाफ लंबे वक्त से अदावत जारी है और दोनों के बीच प्रॉक्सी वार चलती रही है. हालांकि जुलाई में तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हानिये की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. लेबनान में इजरायली हमलों को ईरान की ओर से "घोर युद्ध अपराध" कहने के बाद यह और भी बढ़ गया है. हिज्बुल्ला को ईरान का प्रॉक्सी माना जाता है, जिसमें शिया लड़ाकों का वर्चस्व है.

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