India-Maldives Relations: मालदीव को गलती आ गई समझ! प्रेसिडेंट मुइज्जू के भारत दौरे का रखा प्रस्ताव
Muizzu India Visit: एक कहावत है कि उतना ही बोलो जितना आपके कद के हिसाब से सही हो. लक्षद्वीप आने के लिए जब पीएम नरेंद्र मोदी ने पर्यटकों से अपील की तो मालदीव के मंत्रियों ने तो मोर्चा खोल लिया. लेकिन भारत के ऐतराज के बाद मालदीव सरकार को समझ में आ गया कि उन्होंने कुछ अधिक ही बोल दिया था.
Maldives President Muizzu News: पीएम नरेंद्र मोदी ने जब लक्षद्वीप की बीच पर अपनी तस्वीरों को साझा की तो सबसे अधिक आग मालदीव को लगी. मालदीव के मंत्रियों ने जहर उगला. भारत ने आपत्ति जताई तो मालदीव को समझ में आ गया कि पंगा लेना ठीक नहीं. लिहाजा तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया. इन सबके बीच खबर है कि मालदीव सरकार ने इस महीने के अंत में अपने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा का प्रस्ताव रखा है. बता दें कि इस समय मुइज्जू चीन की यात्रा पर हैं और चीन को सदाबहार दोस्त बताया है. हालांकि चीन ने अपने स्टैंड को साफ कर दिया है कि उसकी तरफ से मालदीव को ना तो उकसाया गया है और ना ही किसी तरह का दबाव बनाया गया है. मुइज्जू, जिन्होंने पिछले साल नवंबर में पदभार संभाला था, सत्ता में आने के बाद से अब तक तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और चीन का दौरा कर चुके हैं. लेकिन यह मालदीव की परंपरा से हटकर है क्योंकि इससे पहले मालदीव का कोई भी राष्ट्रपति पहले भारत की यात्रा करता रहा है.
चीन दौरे पर हैं मुइज्जू
राष्ट्रपति मुइज्जू इस समय चीन की एक सप्ताह की यात्रा पर हैं. उन्होंने फुजियान प्रांत के जियामेन मुक्त व्यापार क्षेत्र का दौरा किया। यही नहीं चाइना कम्युनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के सीनियर अधिकारियों से मुलाकात की भी की. इसके अलावा प्रमुख चीनी राजनीतिक हस्तियों के साथ बैठकें हुईं, जिनमें सीपीसी फुजियान प्रांतीय पार्टी समिति के सचिव झोउ ज़ुयी और सीपीसी फ़ुज़ियान प्रांतीय पार्टी समिति के उप सचिव और गवर्नर झाओ लांग शामिल थे. बाद में वह अपनी यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करेंगे.
भारत विरोध था मुइज्जु का एजेंडा
राष्ट्रपति मुइज्जू, भारत विरोधी मुद्दे को उभारकर सत्ता में आए थे. चुनावी भाषणों में वो कहा करते थे कि अगर सत्ता मिली तो भारत की फौज को वापस भेज देंगे. यही नहीं भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक समझौते को रिन्यू भी नहीं किया. मालदीव के मंत्रियों द्वारा भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणियों के साथ इस कदम से द्विपक्षीय संबंधों में तनाव पैदा हो गया है. मालदीव सरकार ने विवादास्पद बयानों के जवाब में अपमानजनक टिप्पणियों की घटना में शामिल मंत्रियों को निलंबित कर दिया है और उन टिप्पणियों से खुद को दूर कर लिया है.
संकट के समय भारत हमेशा साथ खड़ा रहा
मुइज्जू सरकार के सत्ता संभालने से पहले भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंध सकारात्मक थे. भारत ने मालदीव में विभिन्न सहायता परियोजनाओं का लगातार समर्थन किया है, खासकर 1988 के तख्तापलट के प्रयास और 2004 की सुनामी के दौरान मालदीव को मदद भेजी थी. दिसंबर 2014 में माले में जल संकट पर भारत ने जिस तरह से तत्काल प्रतिक्रिया पीने के पानी को भेजा उसके बाद संबंधों में और मजबूती आई. यही नहीं कोविड-19 संकट के दौरान द्वीप राष्ट्र को अपना समर्थन जारी रखा है. इसके अलावा मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल के प्रशिक्षण में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है.