Man forced to drink urine: आपने भारत के पुलिस थानों में वर्दी के नशे में चूर पुलिसवालों की करतूतों के बारे में देखा-सुना और शायद पढ़ा भी होगा. पुलिस कस्टडी में होने वाली मौते हों या किसी अन्य अपराध के संदिग्धों के साथ होने वाला बुरा बर्ताव, हैवानियत के मामले अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. लेकिन मिसिसिपी के थाने में तैनात एक अफसर ने एक शख्स की कनपटी पर पिस्टल रखकर पेशाब पीने को मजबूर किया तो लोगों को भारत में हुई ऐसी ही वारदातों की याद आ गई. 


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क्या है पूरा मामला?


दरअसल मिसिसिपी के एक पूर्व पुलिस अफसर माइकल क्रिश्चियन ग्रीन ने किसी मामले में हिरासत में लिए गए संदिग्ध को फंसाने और जिंदगी भर जेल में सड़ाने की धमकी देते हुए उसे यूरिन चाटने पर मजबूर कर दिया. इस वहशी पुलिसवाले ने थाने में मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाते हुए पीड़ित को थप्पड़ मारा. फिर कनपटी पर बंदूक रखते हुए उसे पेशाब पिला दिया. पीड़ित ने अपने वकीलों से ये बात बताई तब जाकर मामले का खुलासा हुआ. सिटी ऑफ पर्ल में पुलिस विभाग में तैनात रहे इस अफसर पर बलात्कार का आरोप भी लग चुका है. 


'वो थाने में गिड़गिड़ाता रहा, पुलिसवाले आंख मूंदे थे' 


घटना पिछले साल 23 दिसंबर, 2023 की है. पीड़ित एक क्लब में था. पुलिस उसे थाने ले गई. उसे पेशाब लगी थी. पुलिस ने वहां उसे मौका नहीं दिया. फिर उसने लॉकअप में पेशाब लगने की बात पुलिसकर्मी को बताई. लॉकअप में बंद आरोपी की बात पुलिस वालों ने नहीं सुनी. सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि कैसे वो पुलिस वालों से गिड़गिड़ा रहा है, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर उसने वहीं एक कोने में पेशाब कर दी. माइकल क्रिश्चियन ग्रीन को ये बात पता चली तो उसने गिरफ्तार शख्स से यूरिन को चाटने फिर कपड़ों से पोछा लगाकर साफ करने को कहा.


हैवानियत की वीडियो भी बनाया


अमेरिका में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में तेजी से बढ़े हैं. कानून के रखवाले ही कानून की चौखट यानी थाने में गलत काम कर रहे हैं. शिकायत के अनुसार पुलिसवाले ने उसे जमीन पर लेटकर ऐसा करने को कहा और उसका वीडियो भी बनाया. ये मामला कोर्ट की चौखट में है. अभी आरोपी पुलिसवाले के वकील की प्रतिक्रिया नहीं आई है. 


गौरतलब है कि अमेरिका की पुलिस पर नस्लवादी मानसिकता से काम करने के कई आरोप लग चुके हैं. वहां शायद ही कोई राज्य ऐसा हो जहां एशिया या अफ्रीका मूल के निवासियों से दुर्व्यवहार न हुआ हो. हेट क्राइम में जान से मार देना हो या नस्लवादी टिप्पणी करके लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना. ऐसे मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.


एफबीआई कर रही मामले की जांच


अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी भी अब इस मामले की जांच कर रही है. सिटी पुलिस ने उसे वारदात का वीडियो सौंप दिया है. एफबीआई अफसरों का कहना है कि ये मामले स्वीकार्य नहीं है. दोषी को सजा दिलाकर रहेंगे.