महिला के एक झूठ की वजह से 24 साल जेल में सड़ा आरोपी, बाहर आते ही उड़ गई नींद
Man wrongfully jailed for 24 years: डॉन्टे शार्प (Dontae Sharpe) को मर्डर केस का मुख्य आरोपी माना गया था. साल 1995 में उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई. हालांकि आरोपी ने अपने जुर्म को कभी भी स्वीकार नहीं किया. उन्हें भरोसा था एक दिन सच्चाई जरूर सामने आएगी.
नई दिल्ली: अमेरिका (US) के नॉर्थ कैरोलाइना (North Carolina) में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां Dontae Sharpe नाम के युवक को 1994 में एक हत्या के मामले में अपराधी (Wrongfully convicted) माना गया और उसे मजबूरी में 24 साल का लंबा वक्त जेल में बिताना पड़ा. इस मामले से जुड़ी सच्चाई जब दुनिया के सामने आई तो नए जज ने उसे बाइज्जत बरी कर दिया.
कोर्ट ने यूं मानी गलती
दरअसल आरोपी को 1995 में उम्र कैद की सजा सुनाई गई. हालांकि डॉन्टे हमेशा इस बात पर अड़े रहे कि उन्होंने कोई जुर्म नहीं किया है लेकिन उनके खिलाफ सबूत होने के कारण कोर्ट ने उन्हें सख्त सजा दी. हालांकि साल 2019 में एक अन्य अदालत ने माना कि उन्हें गलत तरह से कैद (Man Wrongfully Imprisoned) किया गया था. बीते शुक्रवार को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया और कोर्ट ने अपनी गलती भी मानी.
न्यूज़ वेबसाइट independent में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में पीड़ित युवक पर आरोप लगाने वाली महिला ने भी इस मामले में झूठी गवाही देने की बात सभी के सामने कबूल की थी जिसके बाद इस शख्स की रिहाई का रास्ता साफ हुआ.
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ड्रग्स के सौदे को लेकर था विवाद
इस मामले में चार्लीन जॉन्सान नाम की एक युवती की झूठी गवाही पर डॉन्टे को गिरफ्तार किया गया था. वहीं हाल ही में चार्लीन को साइकैट्रिक वॉर्ड से रिहा कर दिया गया है. चार्लीन ने बयान दिया था कि उसने अप्रैल 1994 में देखा था कि डॉन्टे और उसके साथ मौजूद एक शख्स ने मिलकर रैडक्लिफ नाम के शख्स की हत्या कर दी थी.
उनके बीच ड्रग्स के सौदे को लेकर विवाद हो गया था. आपको बताते चलें कि डॉन्टे तब ड्रग डिलीवरी के मामलों को लेकर पुलिस के राडार में थे. लेकिन मर्डर के इस केस में चश्मदीद के झूठे बयान की वजह से पुलिस ने उन्हें फौरन गिरफ्तार कर लिया था.
इस बीमारी ने घेरा
जेल से निकलने के बाद डॉन्टे ने कई मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में बताया कि उनकी नींद उड़ गई है. वो कई दिनों से सो तक नहीं पा रहे हैं. अब उन्हें वो खुद हैरान हैं कि उन्हें आखिरकार आजाद कर दिया गया. वो बेहद दुखी भी हैं क्योंकि उनकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा जेल में बीत गया. अब उन्होंने सरकार पर केस करने और पांच करोड़ से ज्यादा रुपये के मुआवजे की मांग करने का फैसला किया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो न्याय प्रणाली में भी बदलाव करेंगे.