Palestine–Israel conflict: इजराइल के कट्टर दक्षिणपंथी मंत्री इतामार बेन-गविर ने मंगलवार को यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद के किए दौरे ने एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया है. कई मुस्लिम देश मंत्री के दौरे पर भड़क गए हैं. इजरायली मंत्री के इस दौरे की सऊदी अरब, जॉर्डन, फिलीस्तीन और संयुक्त अरब अमीरात के अलावा पाकिस्तान ने भी कड़ी निंदा की है. अमेरिका ने भी मंत्री के दौरे पर चिंता व्यक्त की और कहा कि यथास्थिति बनाए रखने की बात कही.


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पाकिस्तान ने जहां इजराइल के सुरक्षा मंत्री के अल अक्सा मस्जिद परिसर दौरे को असंवेदनशील और भड़काऊ करार दिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने फिलिस्तीनियों की मांगों के लिए समर्थन को एक बार फिर दोहराया और कहा है कि पाकिस्तान यूएन और ओआईसी प्रस्तावों के अनुसार, 1967 से पहले की सीमाओं के आधार पर स्वतंत्र फिलिस्तीनी देश का समर्थन करता है.


सऊदी विदेश मंत्रालय ने भी इजरायली मंत्री के अल-अक्सा मस्जिद दौरे की कड़ी निंदा की और फिलिस्तीन की आजादी की मांग का समर्थन किया. यूएई ने इजरायल से कहा कि वो ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाएं जिससे यरुशलम क्षेत्र में और तनाव बढ़े और अस्थिरता फैले.


वहीं जार्डन ने इस यात्रा के विरोद में इजराइल के राजदूत को तलब किया. जार्डन विदेश मंत्रालय ने मंत्री के दौरे की कड़े शब्दों में निंदा की.


अमेरिका ने की यात्रा को लेकर चिंता व्यक्त
संयुक्त राज्य अमेरिका ने मंगलवार को यहूदियों और मुसलमानों दोनों के लिए पवित्र अल-अक्सा मस्जिद परिसर में इजरायल की नई सरकार में एक दूर-दराज़ मंत्री की यात्रा के बारे में चिंता व्यक्त की और यथास्थिति में किसी भी बदलाव के खिलाफ चेतावनी दी.


व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा, 'संयुक्त राज्य अमेरिका जेरूसलम में पवित्र स्थलों के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के लिए मजबूती से खड़ा है. कोई भी एकतरफा कार्रवाई जो यथास्थिति को खतरे में डालती है, अस्वीकार्य है.'


विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अलग से कहा कि इतामार बेन-ग्विर की यात्रा से संयुक्त राज्य अमेरिका "गहरा चिंतित" है, उनका भड़काऊ बयानों का इतिहास रहा है और उन्हें प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नवीनतम सरकार में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा पद दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस यात्रा में तनाव को बढ़ाने और हिंसा को भड़काने की क्षमता है.


बता दें अल-अक्सा मस्जिद मक्का और मदीना के बाद इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है. यह मस्जिद इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का फ़्लैश प्वाइंट रही है. 


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