..तो क्या इस खुफिया तरीके से मोसाद ने हैक किए थे पेजर, लेबनान ब्लास्ट के बाद खुलासा!
Pagers Blast: लेबनानी सूत्र ने रॉयटर्स को बताया है कि ब्लास्ट किए गए पेजर्स के साथ मोसाद द्वारा `प्रोडक्शन` लेवल पर छेड़छाड़ किए गए थे. मोसाद ने डिवाइस के अंदर एक बोर्ड लगाया है, जिसमें विस्फोटक सामग्री है और वो एक कोड रिसीव करता है.
Mossad behind Pagers Blast: आतंकी संगठन हिजबुल्ला पर मंगलवार को ऐसा हमला हुआ, जिसके बारे में उसने सोचा भी नहीं था. ये हमला पेजर पर स्ट्राइक का था. इजरायल से सटे लेबनान में एक साथ 1200 से ज्यादा पेजर फट गए और 9 लोगो को मौत हो गई, जबकि घटना में 4000 से ज्यादा घायल हुए हैं. अब हिजबुल्ला ने इस हमले के बाद इजरायल से बदला लेने की धमकी दी है. हिजबुल्ला ने बयान जारी करते हुए पेजर से हुए हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है और इसकी कीमत वो चुकाएगा ऐसी धमकी दी है.
हमले के पीछे इजरायल का हाथ?
हमले में लेबनान के सांसद अली अम्मार के बेटे की भी मौत हो गई. जबकि, ईरानी राजदूत और उनका बॉडीगार्ड भी इस विस्फोट में बुरी तरह घायल हो गया है. इसे दुनिया में सबसे बड़ा चेन विस्फोट माना जा रहा है और माना जा रहा है कि ये इजरायल का हिजबुल्ला पर सबसे बड़ा सीरियल अटैक है. जानकार इस हमले के पीछे इजरायल के हाथ होने की आशंका जता रहे हैं.
2024 का युद्ध कैसे बाकी के युद्धों से अलग
मोसाद ने अब एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि जो वो कर सकता है, वो कोई सोच भी नहीं सकता. कैसे एक युद्ध अब सिर्फ मिसाइल, टैंक से नहीं लड़े जा सकते. इजरायल ने कुछ ऐसा कर दिया है, जिससे जंग की दुनिया में अब मानो एक नए तरीके का इजात हो गया. ना इजरायल ने कोई मिसाइल छोड़ी, ना सैनिकों ने गोली चलाई लेकिन तब भी अपने दुश्मन हिजबुल्ला के लोगों को एक ही बार में खत्म कर दिया. वो भी उस चीज से जो उनके खुद के जेब में मौजूद थी. इस बार हिजबुल्ला के खात्मे के लिए पेजर हथियार बना.
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पेजर को हैक कर किया गया ब्लास्ट?
माना जा रहा है कि इजरायल ने एक साथ आतंकी संगठन हिज्बुल्ला के आतंकियों के पेजर्स को हैक कर लिया और फिर उन्हें हैक करके उसकी फ्रीक्वेंसी बढ़ाकर उनमें ब्लास्ट कर दिया. इस हमले में हिज्बुल्ला के हजार से ज्यादा आतंकियों के घायल होने की खबर है.पेजर में ब्लास्ट के बाद से लेबनान सरकार ने लोगों से पेजर फेकने की गुजारिश की है.
तो इस खुफिया तरीके से मोसाद ने हैक किए थे पेजर?
लेबनानी सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि ब्लास्ट किए गए पेजर्स के साथ मोसाद द्वारा 'प्रोडक्शन' लेवल पर छेड़छाड़ किए गए थे. सूत्रों ने बताया है कि मोसाद ने डिवाइस के अंदर एक बोर्ड लगाया है, जिसमें विस्फोटक सामग्री है और वो एक कोड रिसीव करता है. किसी भी माध्यम से इसका पता लगाना बहुत कठिन है. यहां तक कि किसी भी डिवाइस या स्कैनर से भी इसका पता नहीं लगाया जा सकता है.
क्या ताइवान की कंपनी ने बनाए पेजर?
इस बीच ताइवान की गोल्ड अपोलो (Gold Apollo) ने लेबनान में विस्फोट लेकर बयान दिया है. कंपनी ने कहा है कि उसने वो पेजर नहीं बनाए हैं, जिनका विस्फोटों में इस्तेमाल किया गया है. कंपनी ने बताया कि ये उत्पाद हमारा नहीं था. इसमें सिर्फ हमारा ब्रांड था.
तो किसने किया ब्लास्ट होने वाले पेजर का उत्पादन
ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो (Gold Apollo) के संस्थापक और चेयरपर्सन ह्सू चिंग-कुआंग ने बताया कि हमले में इस्तेमाल किए गए पेजर एक यूरोपीय डिस्ट्रीब्यूटर ने बनाए थे. ताइवान की पेजर कंपनी गोल्ड अपोलो ने बुधवार को कहा कि लेबनान में विस्फोट के लिए इस्तेमाल पेजर का मॉडल बुडापेस्ट स्थित बीएसी कंसल्टिंग द्वारा बनाया गया था. कंपनी ने यह भी कहा कि उसने केवल कंपनी को अपने ब्रांड का लाइसेंस दिया था और वह इन उपकरणों के उत्पादन में शामिल नहीं थी.
मोबाइल के युग में क्यों पेजर का इस्तेमाल कर रहा हिज्बुल्ला?
अब सवाल ये उठता है कि आखिर पेजर जो कि आज की दुनिया में आउटडेटेड हो चुके हैं उनहें हिज्बुल्ला क्यों यूज कर रहा था. दरअसल, पेजर डिवाइस की टेक्स्ट मैसेजिंग को डिकोड करना मुश्किल होता है. इसीलिए, हिज्बुल्लाह अपने लड़ाकों से पेजर के जरिए ही बातचीत करता है. इजरायल को ये पता चला कि हिज्बुल्ला ने 3 महीने पहले ही जॉर्डन से नए पेजर सेट खरीदे थे. माना जा रहा है इजरायल ने उन सभी पेजर को ट्रैक करके उनमें विस्फोट करवा दिया. कुल मिलाकर जिस तरह से इसे इजरायल का साइबर अटैक माना जा रहा है. वो सारी दुनिया के लिए बहुत हैरान करने वाला है.