यंगून:  म्यांमार (Myanmar) में सेना के आदेश पर वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं शुक्रवार को बंद कर दी गईं. एक स्थानीय सेवा प्रदाता ने यह जानकारी दी. सत्ता के जुंटा (Army Junta) के हाथों में चले जाने के खिलाफ प्रदर्शनकारियों का विरोध लगातार जारी है.


सभी वायरलैस ब्रॉडबैंड डेटा सेवाएं अस्थायी रूप से बंद


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स्थानीय सेवा प्रदाता ओरेडू की ओर से ऑनलाइन पोस्ट किए गए बयान के मुताबिक, परिवहन एवं संचार मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी निर्देश में ‘अगले नोटिस तक सभी वायरलेस ब्रॉडबैंड डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद रखने को कहा गया है.'


हालांकि यहां पर फाइबर आधारित लैंडलाइन इंटरनेट कनेक्शन अब भी काम कर रहे हैं, लेकिन बेहद धीमी गति से.



मानवाधिकार संस्था की रिपोर्ट में सामने आई ये बात


शुक्रवार को ही, न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार निगरानी संस्था ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि म्यांमार की सेना ने नेताओं, चुनाव अधिकारियों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों समेत सैकड़ों लोगों को जबरन गायब कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए वे किन स्थानों पर है या वकीलों और उनके परिवार के सदस्यों को उन तक जाने देने से इनकार कर दिया है.


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लोगों को जबरन गायब करने का आरोप 


ह्यूमन राइट्स वॉच के एशिया निदेशक ब्रैड एडम्स ने कहा, ‘सैन्य जुंटा (Army Junta) की तरफ से मनमानी गिरफ्तारी और जबरन लोगों को गायब करने का व्यापक प्रयोग तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनकारियों के मन में डर पैदा करने वाले मालूम होते है.' उन्होंने कहा, 'संबंधित सरकारों को प्रत्येक लापता व्यक्ति की रिहाई की मांग करनी चाहिए और इस अत्याचारी सेना को अंतत: जिम्मेदार ठहराने के लिए जुंटा नेताओं के खिलाफ लक्षित आर्थिक प्रतिबंध लगाने चाहिए.'


दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्र में संकट पिछले हफ्ते तेजी से बढ़ गया है. ये प्रदर्शनकारियों के मारे जाने के लिहाज से भी बढ़ा है और कारेन नस्ली अल्पसंख्यकों के गुरिल्ला बलों के खिलाफ सैन्य हवाई हमलों की संख्या भी बढ़ गई है.