Earthquake in Nepal: नेपाल के जाजरकोट में आए भूकंप ने बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है. इससे अब तक लगभग 157 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं. जाजरकोट का एक गांव ऐसा है, जिसको भूकंप का सबसे अधिक दंश झेलना पड़ता है. जाजरकोट के राउत गांव में भूकंप ने कहर ढाया है. यहां एक ही गांव से 32 लोगों की मौत हुई है और गांव के सैकड़ों घर तबाह हो चुके हैं. फिलहाल अब लोगों को राहत पहुंचाई जा रही है.


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750 घरों और 1400 से ज्यादा लोगों की आबादी वाले नेपाल के राउत गांव की तस्वीर भूकंप की भयावहता बयां कर रही है. किसी का घर जमींदोज हुआ है तो किसी का पूरा परिवार भूकंप से हुई मौतों में तबाह हो गया है. आलम यह है कि अब सभी जिंदा बचे लोग नेपाल की सरकार की ओर मदद के लिए देख रहे हैं.


राउत गांव पहाड़ों के बीच बसा है. जब यहां जमीन हिली, तब घरों की दीवार चटक गयी और एक ही घर के 6 लोग काल के गाल में समा गए. इस गांव में हर तरफ तबाही का मंजर है. भूकंप से पीड़ित लोगों ने जी मीडिया से बातचीत में अपनी दर्द भरी कहानी बयां की.


नेपाल के गांव राउत में घरों के बाहर की दीवारें चटकी हुई हैं. कमरे मलबे में तब्दील हो चुके हैं. भूकंप की बदहाली झेल चुके यहां के लोग काफी परेशान हैं. पूरी रात यहां के लोग सड़क के किनारे सोते रहे. सुबह हुई तो मदद के लिए लोग पहुंचते नजर आए.


बता दें कि यह नेपाल में 2015 के बाद से सबसे विनाशकारी भूकंप है. 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी और 22,000 से अधिक लोग घायल हुए थे. राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप शुक्रवार रात 11 बजकर 47 मिनट पर आया, जिसका केंद्र जाजरकोट जिले में था. यह इलाका राजधानी काठमांडू से करीब 500 किलोमीटर दूर पश्चिम में है. 


वहीं, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने कहा है कि भूकंप प्रभावित क्षेत्र में भारी तबाही हुई है. सैकड़ों लोग घायल हुए हैं, हजारों घर तबाह हो गए हैं और सरकार राहत कार्य में लगी हुई है. हमने नेपाली सेना, नेपाली रक्षक, सशस्त्र प्रहरी बल को तैनात किया है. घायलों को हेलीकॉप्टर के जरिए अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी सशस्त्र प्रहरी बल को दी गई है.