Nepalese PM first visit to China: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने इस महीने के अंत में चीन की यात्रा पर रवाना होंगे. अपनी इस आधिकारिक यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रचंड ने रविवार को विशेषज्ञों और नेताओं से व्यापक विचार-विमर्श किया. इस यात्रा का उद्देश्य दोनों पड़ोसियों चीन और भारत के साथ संबंधों में संतुलन बनाए रखना है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

'दोनों पड़ोसियों से कैसे हों संबंध?'


प्रधानमंत्री कार्यालय में आयोजित इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री शामिल थे. चर्चा के दौरान सभी वक्ताओं ने प्रचंड (Pushp Kamal Dahal Prachanda) को पड़ोसी देशों के साथ संतुलित राजनयिक संबंध बनाने सी सलाह दी. इसके साथ ही पिछले समझौतों के कार्यान्वयन की स्थिति जानने और सुरक्षा मामलों की साझा चिंताओं पर ध्यान देने की अपील की गई. प्रचंड ने इससे पहले पूर्व विदेश सचिवों और विभिन्न देशों में नेपाल के पूर्व राजदूतों के साथ भी विचार-विमर्श किया था. 


प्रचंड की दूसरी विदेश यात्रा


बताते चलें कि पिछले साल दिसंबर में पदभार संभालने के बाद यह प्रचंड (Pushp Kamal Dahal Prachanda) की दूसरी विदेश यात्रा होगी. नेपाल (Nepal) के पीएम का तीसरी बार पदभार संभालने के बाद 68 वर्षीय प्रचंड ने जून 2023 में अपनी पहली विदेश यात्रा में भारत आए थे.  उस दौरान पीएम मोदी के साथ हुई बातचीत में कई मुद्दों पर सहमति बनी थी. जिसमें भारत-नेपाल के बीच रेल- सड़क संपर्क को बढ़ावा देने, दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने और नेपाल से बिजली खरीद को लेकर सहमति बनी थी.


भारत की बिजली खरीद की घोषणा


इस समझौते पर अमल करते हुए मोदी सरकार ने पिछले हफ्ते नेपाल से 10 हजार मेगावाट बिजली खरीदने की घोषणा की. इस खरीद को पीएम मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई. नेपाल सरकार ने भारत की इस घोषणा को बड़ी उपलब्धि बताया है. नेपाली पीएम प्रचंड ने बयान जारी करके कहा था कि इससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे. अब प्रचंड (Pushp Kamal Dahal Prachanda) की पहली चीन यात्रा (China) पर भारत ने भी अपनी सतर्क नजरें बना रखी हैं. 


(एजेंसी भाषा)