Netherlands Riots update: अगर आपको लगता है कि यूरोप के छोटे छोटे कम आबादी वाले विकसित देश ही रहने खाने और बसने के हिसाब से सबसे सुरक्षित हैं तो आप गलत हैं. क्योंकि दंगे कहीं भी भड़क सकते हैं. शांति कभी भी भंग हो सकती है. यहां बात नीदरलैंड के सबसे बेहतरीन और शांत शहरों में से एक हेग की जो अचानक बीते शनिवार को दंगों की चपेट में आ गया. नीदरलैंड में ऐसा क्यों हुआ ये जानकर आप हैरान रह जाएंगे. 


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हेग में इंटरनेशनल कोर्ट है. दुनिया भर के विवाद यहां सुने जाते हैं. यहां हमेशा कड़ी सुरक्षा रहती है. इसके बावजूद पुलिस की नाक के नीचे देखते देखते पूरा शहर हिंसा की आग की झुलस गया. चारों ओर अफरातफरी के माहौल के बीच युवाओं के कुछ समूहों ने पुलिस की गाड़ियों और सरकारी इमारतों पर पथराव किया. गुस्साई भीड़ कुछ गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. हेग पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है, स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है.


पुलिस ने किया हल्का बल प्रयोग


इन दंगों की फुटेज वायरल हो रही है. जिसे देखकर पुलिस दंगाइयों की धर पकड़ का काम कर रही है. हालात बिगड़े तो पुलिस ने बलवाइयों पर हल्का बल प्रयोग किया. उपद्रव को शांत करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. दंगाई शहर के ओपेरा के प्रवेश गेट में घुसे और खिड़कियां तोड़ दीं. कई जगहों पर आगजनी हुई. लोग आंसू गैस के असर को कम करने के लिए अपने चेहरे पर कपड़ा बांधे थे. दंगाइयों ने पुलिस की गाड़ियों को भी नहीं बख्शा और उन्हें पहले तोड़ा फिर आग लगाकर फूंक दिया. पूरा शहर धुंआ धुंआ नजर आया. नीदरलैंड टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हेग शहर के मेयर जान वैन जैनन ने पुलिस को बल प्रयोग करके हालात संभालने की आदेश दिया था.


अफ्रीकी प्रवासियों की झड़प में झुलसे डच लोग


वहीं हेग नगर पालिका के प्रवक्ता रॉबिन मिडेल ने बताया कि शहर की एक लोकेशन पर अफ्रीकी देश इरिट्रिया की सरकार के प्रति वफादार समूह की मीटिंग हो रही थी. तभी आयोजन स्थल पर इरिट्रिया के कुछ लोगों ने हमला किया जो अफ्रीकी राष्ट्र की सरकार के विरोधी थे. 


पुलिस प्रवक्ता क्रिस्टियन वान ब्लैंकेन ने कहा कि अभी तक कोई दंगाई गिरफ्तार नहीं किया गया है. पुलिस के हालिया बयान के मुताबिक डेनहाग के फ्रूटवेग में इरिट्रिया के दो समूहों के बीच टकराव के बाद पथराव हुआ. जनजीवन पर असर पड़ा. सार्वजनिक व्यवस्था बहाल करने के लिए दंगा पुलिस के साथ मिलकर लगातार शहर में गश्त हो रही है. फ्रूटवेग और आसपास के इलाके के लिए इमरजेंसी आदेश लागू किया गया है. वहां कुछ दिन सख्ती बरकरार रहेगी.


यूरोपीय देशों में प्रवासियों और शरणार्थियों का विरोध बढ़ा


आपको बताते चलें कि यूरोपीय देशो में शरणार्थियों की समस्या बढ़ गई है. यूरोप के मूल लोगों का कहना है कि प्रवासी यहां आकर उनके संसाधनों को हड़प करके शांति व्यवस्था बिगाड़ कर देश का माहौल खराब कर रहे हैं. ऐसे में सरकार को प्रवासी नीति बदलनी और सख्त करनी चाहिए. नीदरलैंड में हुए दंगे भी प्रवासियों के दो गुटों की झड़प के बाद भड़के. ऐसे में स्थानीय लोग नाराजगी जता रहे हैं.